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'प्रधानमंत्री राजस्थान आएंगे तो यही भाषा बोलेंगे...', जयंत चौधरी का बीजेपी की डबल इंजन सरकार पर निशाना

जयंत चौधरी ने धौलपुर में आयोजित किसान सम्मेलन में भाग लिया. किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने मोदी सरकार को किसान विरोधी बताया. साथ ही मुज्जफरनगर की घटना को बेहद शर्मनाक बताकर टीचर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की.

रालोद प्रमुख जयंत चौधरी (फाइल फोटो) रालोद प्रमुख जयंत चौधरी (फाइल फोटो)
उमेश मिश्रा
  • जयपुर,
  • 28 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 5:18 AM IST

राजस्थान में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे राजनेता अब सक्रिय होने लग गए हैं. इस कड़ी में रविवार को राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने धौलपुर में आयोजित किसान सम्मेलन में भाग लिया. किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने मोदी सरकार को किसान विरोधी बताया. साथ ही मुज्जफरनगर की घटना को बेहद शर्मनाक बताकर टीचर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की.

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जयंत चौधरी ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री को किसान की चिंता नहीं है. किसानों में बचत करने की हैसियत नहीं है. वह सिर्फ खर्च करता है. किसान जब खर्च करता है तो सबको राहत मिलती है. देश में बहुत चीज बदल गई और आधुनिक भारत है और कुछ लोग नया भारत का नारा दे रहे हैं. नए भारत में क्या-क्या चीज खराब हो रही है, उन पर हम लोगों की नजर है. लेकिन जैसा भी है, देश बदल रहा है. 

'सरकारों ने किसानों की अनदेखी की'

उन्होंने कहा कि चौधरी चरण सिंह कहते थे देश के विकास और तरक्की का रास्ता खेत और किसान से है. लेकिन किसानों की सरकारों ने अनदेखी की है. अब वो घड़ी आ गई है जब देश के प्रधानमंत्री से सवाल करें और उनको जवाब भी देने पड़ेंगे. देश के प्रधानमंत्री की नियत में खोट है. नीति बनाने वाले प्रधानमंत्री नहीं हैं, उनके साथ जो 20 साल से सरकारी तंत्र लगा हुआ है, वो है. प्रधानमंत्री तीन कानून लाए और देश के किसानों ने कानूनों का विरोध किया. किसान के लिए दाम कम और प्रधानमंत्री की लॉबी के लोग जो बड़ा व्यापार करते हैं उनके हाथ में फसल पहुंच है तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत बढ़ जाती. 

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'प्रधानमंत्री ने देश के लोगों को खोखला कर दिया'

जयंत चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने किसानों की आय के डेटा को भी रोक रखा और आज आरटीआई कानून को कमजोर करने के लिए कानून ला रहे हैं. ऐसा कानून ला रहे हैं कि अगर कोई सवाल पूछेगा तो उसको उल्टा कर दिया जाएगा. जो पत्रकार ईमानदारी से पत्रकारिता करेगा, उसे जेल में डाल दिया जाएगा और इतना डरा कर रखो कि कोई सवाल ही नहीं पूछ सके. प्रधानमंत्री ने देश के लोगों को खोखला कर दिया. ऐसा भारत देश नहीं था. देश में छुटपुट घटनाएं रोजाना हो रही है. अब वक्त आ गया है कि हम नजर ना मोड़ें. 

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को लड़ाने भिड़ाने के अलावा कोई काम नहीं है. बीजेपी की जिस राज्य में सरकार नहीं होती है तो कहते हैं कि डबल इंजन की सरकार बनाओ. अब राजस्थान में चुनाव है तो कहेंगे केंद्र में हम हैं और राजस्थान में डबल इंजन की सरकार बनाओ. जब प्रधानमंत्री मोदी राजस्थान आएंगे तो यही भाषा बोलेंगे और कहेंगे डबल इंजन की सरकार बनानी है तो भाजपा को वोट दें. 

ईआरपीसी योजना को लेकर केंद्र पर निशाना

उन्होंने ईआरसीपी योजना को लेकर केंद्र सरकार को आड़े हाथ लिया और कहा कि पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने जिस ईआरसीपी योजना का निर्माण किया और मोदी सरकार के जल शक्ति मंत्री कहते हैं, इससे कोई फायदा नहीं होगा. इस परियोजना का 35 लाख हैक्टेयर जमीन सिंचित होगी. 50 लाख किसान परिवारों को इसका सीधा फायदा मिलेगा. राजस्थान के एक भी सांसद ने योजना को लेकर संसद में खड़े होकर सवाल नहीं किया. अगर इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया जाता तो कितना बड़ा लाभ मिलता. आठ हजार करोड़ से ज्यादा के दो हैलीकॉप्टर प्रधानमंत्री के लिए खरीदने में खर्च हो गए. लेकिन योजनाओ के लिए पैसा नहीं हैं.

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गहलोत सरकार की तारीफ की

उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी के एक विधायक के सहयोग से गहलोत सरकार अच्छा काम कर रही है. सभी योजनाओं का लाभ लोगों को धरातल पर मिल रहा है. अभी हाल ही में सीएम गहलोत में 177 करोड़ की परियोजना का उद्घाटन किया है. जिससे 28 हजार हैकटेयर जमीन सिंचित होगी और किसानों को फायदा मिलेगा. जून के महीने में 650 सौ करोड़ कालीतीर परियोजना के लिए स्वीकृत किए. हमारी पार्टी ईमानदारी के साथ कांग्रेस के साथ है और आगे भी इस गठबंधन के साथ है. हर हफ्ते मेरी खबर बनती है और उसका कौन विश्लेषण कर रहा है, कभी उससे मेरी मुलाकात तक नहीं हुई. लेकिन वो लोग एक्सपर्ट हैं 

मुजफ्फरनगर की घटना का भी किया जिक्र

मुजफ्फरनगर की घटना को लेकर जयंत चौधरी ने कहा कि वह बहुत ही दुखद वीडियो है. उसको बार-बार कोई देख भी नहीं सकता. एक बच्चे को दूसरे बच्चे को बुलाकर पिटवाया था. टीचर का बहुत ही खराब व्यवहार था और ऐसी उम्मीद कोई टीचर से नहीं लगाता. टीचर के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. हमारे लोग जमीन पर थे और उन्होंने परिवार से मेरी बातचीत कराई. जिस बच्चे ने मारा था और वहां हम लोग गए और उन्होंने पहल की और दोनों बच्चों को गले लगवाया, जिससे बच्चों की मासूमियत जिंदा रहे.

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