
राजस्थान कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट के साथ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने बैठक की थी. इस बैठक के बाद बाहर आए केसी वेणुगोपाल ने मतभेद सुलझा लिए जाने का ऐलान भी कर दिया था. हालांकि, सुलह का फॉर्मूला सामने नहीं आया था. अब फिर से सचिन पायलट और अशोक गहलोत का गतिरोध चर्चा में है.
सचिन पायलट के कांग्रेस पार्टी से अपनी राह अलग करने, अलग राजनीतिक पार्टी बनाने की खबरें आईं. इन खबरों के बाद जयपुर से दिल्ली तक हड़कंप मच गया. कांग्रेस नेतृत्व भी एक्टिव मोड में आ गया. बाद में कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने कहा कि वे राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम के संपर्क में हैं. उन्होंने ये भी दावा किया राजस्थान में कांग्रेस पार्टी एकजुट है और सभी मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ेंगे.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक उन्होंने सचिन पायलट के अलग पार्टी बनाने की खबरों को अफवाह बताया है. केसी वेणुगोपाल ने कहा है कि मैं अफवाहों पर विश्वास नहीं करता. उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने अशोक गहलोत और सचिन पायलट के साथ चर्चा की थी. उसके बाद ये बयान भी दिया गया कि हम साथ चलेंगे और यही हमारा स्टैंड है.
सचिन पायलट के अलग पार्टी बनाने को लेकर सवाल पर केसी वेणुगोपाल ने कहा कि मेरी जानकारी में ऐसी कोई बात नहीं है. उन्होंने उल्टे सवाल कर दिया कि आपसे किसने कह दिया कि वे (सचिन पायलट) पार्टी से बाहर जा रहे हैं? ये सब काल्पनिक है. केसी वेणुगोपाल का ये बयान ऐसे समय में आया है जब ये कहा जा रहा है कि सचिन पायलट रविवार के दिन अपने भविष्य की योजनाओं का ऐलान कर सकते हैं.
क्या कहते हैं पायलट के करीबी
वहीं, समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक सचिन पायलट के करीबियों का कहना है कि वे चाहते हैं कि जो मुद्दे उठाए गए हैं, उनको लेकर एक प्रस्ताव आए. विशेष रूप से पिछली बीजेपी सरकार के दौरान हुए भ्रष्टाचार को लेकर कार्रवाई की जाए. पायलट के करीबियों का कहना इन सब समस्याओं को लेकर कुछ खास प्रगति नहीं हुई है.
पायलट के करीबियों का कहना है कि ये सैद्धांतिक स्टैंड की बात है, पद को लेकर नहीं. भ्रष्टाचार और पेपर लीक हमारी प्राथमिकता है. भ्रष्टाचार के अलावा सचिन पायलट ने दो अन्य मांगें भी उठाई थीं. पायलट ने राजस्थान लोकसेवा आयोग के पुनर्गठन और नई नियुक्तियां करने, पेपर लीक के कारण सरकारी भर्ती परीक्षा रद्द होने से प्रभावित हुए लोगों के लिए मुआवजे की मांग की थी.