Advertisement

Rajasthan: शहीद की बेटी के लिए फर्ज निभाने उतरे सैनिक, निभाया पिता और भाई का कर्तव्य

राजस्थान के बहरोड़ में शहीद कंवरपाल सिंह चौहान की बेटी बबली की शादी में सेना के जवानों ने पिता और भाई का फर्ज निभाया. 17 सैनिकों ने फूलों की चादर पकड़ने से लेकर कन्यादान और विदाई तक की सभी रस्में पूरी कीं. शहीद से किए वादे को निभाते देख गांववालों की आंखें नम हो गईं.

सैनिकों का ने निभाया वादा. सैनिकों का ने निभाया वादा.
हिमांशु शर्मा
  • कोटपूतली,
  • 07 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 9:11 PM IST

राजस्थान के कोटपूतली जिले के बहरोड़ में एक अनोखी शादी देखने को मिली. यहां भारतीय सेना के जवानों ने अपने शहीद साथी के किए वादे को निभाते हुए उनकी बेटी का कन्यादान किया. शहीद कंवरपाल सिंह चौहान की बेटी बबली कंवर की शादी में सेना के जवानों ने पिता और भाई की सभी रस्में निभाईं. शादी के दौरान फूलों की चादर से लेकर कन्यादान और विदाई तक हर परंपरा को सैनिकों ने पूरी गरिमा और सम्मान के साथ निभाया.

Advertisement

दरअसल, दुल्हन की शादी में आमतौर पर भाई फूलों की चादर पकड़ते हैं, लेकिन बबली की शादी में यह फर्ज सेना के जवानों ने निभाया. शादी में शामिल 39 राष्ट्रीय राइफल्स और बटालियन ग्रेनेडियर यूनिट के कुल 17 जवानों ने दुल्हन की एंट्री से लेकर विदाई तक की हर रस्म को पूरा किया.

विदाई के दौरान, जो कार्य पिता करता है वही जिम्मेदारी सेना के जवानों ने उठाई. जब दुल्हन की विदाई का समय आया, तो सेना के जवानों ने गाड़ी को धक्का देकर उसे विदा किया, जिससे शादी समारोह में मौजूद हर किसी की आंखें नम हो गईं.

शहीद से किया वादा निभाने पहुंचे 17 सैनिक

गांव पुतिना के निवासी शहीद कंवरपाल सिंह चौहान भारतीय सेना के 39 राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात थे और देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए. शहीद होने से पहले उनके साथियों ने उनसे वादा किया था कि वे उनकी बेटी की शादी में शामिल होंगे और हर जिम्मेदारी निभाएंगे. इसी वादे को निभाने के लिए बटालियन ग्रेनेडियर यूनिट से 7 वीर सैनिक और 39 राष्ट्रीय राइफल्स के 10 जवान बबली की शादी में शामिल हुए.

Advertisement

गांववालों की आंखें हुईं नम

शादी के इन भावुक पलों को देखकर न सिर्फ परिजन, बल्कि पूरे गांव की आंखें नम हो गईं. शादी समारोह के दौरान मौजूद गांव के सरपंच रविंद्र चौहान ने सैनिकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा, इन वीर जवानों ने जो सम्मान शहीद के परिवार को दिया है वह हमेशा याद रखा जाएगा. यह पूरे समाज के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण है. 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement