
कांग्रेस लोकसभा चुनाव के लिए राजस्थान में हनुमान बेनीवाल की आरएलपी के साथ गठबंधन पर विचार कर रही है. हालांकि इसको लेकर अब पार्टी के भीतर ही विरोध शुरू हो गया है और कांग्रेस नेताओं ने इस गठबंधन का विरोध किया है. सूत्रों की मानें तो वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राजस्थान के पूर्व मंत्री हरीश चौधरी ने मंगलवार को यहां पार्टी की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक के दौरान इस गठबंधन पर अपना विरोध व्यक्त किया, जिसमें राज्य के वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया.
पीटीआई के मुताबिक हरीश चौधरी कहा कि राज्य के कुछ अन्य वरिष्ठ नेता भी बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के साथ संभावित गठबंधन के विरोध में हैं और उन्होंने कांग्रेस के प्रति उनके पिछले विरोध और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ उनकी टिप्पणियों का हवाला दिया है.
अगर गठबंधन हुआ तो नागौर लोकसभा सीट बेनीवाल के खाते में जाने की पूरी संभावना है.कांग्रेस में गठबंधन के पक्ष में लोगों का मानना है कि बेनीवाल को जाट समुदाय का लाभ मिलने से पार्टी को फायदा होगा. सूत्रों ने कहा कि पार्टी नेतृत्व द्वारा गठबंधन पर अंतिम निर्णय एक या दो दिन में लिया जाएगा. राज्य में कांग्रेस के वाम दलों से हाथ मिलाने की भी संभावना है. जबकि वामपंथी और कांग्रेस इंडिया ब्लॉक का हिस्सा हैं, बेनीवाल की पार्टी अतीत में एनडीए सहयोगी नहीं रही है.
बता दें कि राजस्थान में 25 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र हैं और 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को राज्य में कोई सीट नहीं मिली थी. सात मार्च को यहां पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में शीर्ष कांग्रेस नेतृत्व द्वारा आगामी लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों पर विचार-विमर्श करने और उन्हें अंतिम रूप देने की संभावना है.