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कन्हैयालाल की अस्थियों को इंसाफ का इंतजार... जिस हत्याकांड ने हिला दिया था पूरा देश, जानें अब तक उसमें क्या हुआ

28 जून 2022 का वो दिन जब राजस्थान के उदयपुर (Udaipur) में एक टेलर की दो लोगों ने बेरहमी से हत्या कर डाली थी. फिर सोशल मीडिया पर वीडियो डालकर हत्या की बात भी कबूल की थी. ये एक ऐसा केस था जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. आज कन्हैयालाल की हत्या (Kanhaiya Lal Murder) को पूरा एक साल हो चुका है. दोनों आरोपी जेल में बंद हैं लेकिन अभी तक यह केस कोर्ट में चल रहा है. चलिए जानते हैं कन्हैयालाल हत्याकांड की पूरी कहानी विस्तार से...

28 जून 2022 को हुई थी कन्हैयालाल की हत्या. 28 जून 2022 को हुई थी कन्हैयालाल की हत्या.
तन्वी गुप्ता
  • नई दिल्ली,
  • 28 जून 2023,
  • अपडेटेड 8:21 AM IST

राजस्थान का उदयपुर शहर... यहां मालदास स्ट्रीट में एक छोटी सी दुकान है. नाम सुप्रीम टेलर्स. इस दुकान के मालिक थे 40 साल के कन्हैयालाल. एक साधारण से टेलर जो कपड़े सिलकर अपना परिवार पाल रहे थे. घर में एक बीवी और दो बेटे. दोनों बेटे पढ़ाई करते हैं. जबकि, पत्नी हाउसवाइफ है. कन्हैयालाल (Kanhaiya Lal) की जिंदगी अच्छी चल रही थी. फिर दिन आया 10 जून 2022 का.

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इस दिन दो शख्स उनकी दुकान में आए. मोहम्मद रियाज़ अंसारी और मोहम्मद गौस. रियाज़ अंसारी भीलवाड़ा का रहने वाला है. जबकि, मोहम्मद गौस उदयपुर का ही रहने वाला है. दोनों ने कन्हैयालाल से उनका मोबाइल मांगा. कहा कि उन्हें किसी को फोन करना है. कन्हैयालाल ने भी उन्हें मोबाइल दे दिया.

दरअसल, उन दोनों को कोई फोन नहीं करना था. बल्कि, कन्हैयालाल का सोशल मीडिया अकाउंट चेक करना था. दरअसल, उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट देखी थी जो कि कन्हैया के मोबाइल फोन से की गई थी. उस पोस्ट में बीजेपी नेता नुपुर शर्मा का समर्थन किया था. बता दें, नुपुर ने कुछ दिन पहले पैगंबर मोहम्मद को लेकर एक विवादित टिप्पणी की थी. जिसके चलते बाद में उन्होंने माफी भी मांगी थी और बीजेपी ने उन्हें अपनी पार्टी से भी निकाल दिया था.

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कन्हैयालाल को धमकाने आए थे दोनों
लेकिन नुपुर के उस बयान पर कई लोगों ने उनका समर्थन किया था तो कई लोगों ने उनका विरोध. इसी को लेकर कन्हैयालाल के फोन से भी सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई थी, जिसमें नुपुर का समर्थन किया गया था. जैसे ही रियाज़ और गौस को उस पोस्ट के बारे में पता चला तो वे कन्हैया को धमकी देने के लिए ही वहां आए थे.

उन्होंने कन्हैयालाल के फोन पर उस पोस्ट को खोला और डिलीट किया. फिर कन्हैयालाल को वार्निंग देते हुए कहा कि अब दोबारा ऐसा मत करना. कन्हैयालाल ने उन्हें कहा कि वो तो मोबाइल चलाना अच्छे जानते ही नहीं है. उनका बेटा ही गेम खेलने के लिए ये मोबाइल इस्तेमाल करता है. हो सकता है बेटे ने नादानी में वो पोस्ट डाल दी हो.

रियाज़ और गौस ने कन्हैयालाल की बात को अनसुना करते हुए कहा कि हम कुछ नहीं जानते. बस जो भी पोस्ट की गई थी वो तुम्हारे ही फोन से की गई थी. इसलिए दोबारा ऐसा नहीं होना चाहिए. फिर वे दोनों वहां से चले गए.

पड़ोसी नाजिम ने कन्हैलाल के खिलाफ करवाई FIR दर्ज
इसके अगले ही दिन यानि 11 जून 2022 को कन्हैया के पड़ोसी नाजिम ने पुलिस स्टेशन में एक रिपोर्ट दर्ज करवाई. उसने कन्हैया की पोस्ट पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इससे लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत पहुंच रही है. पुलिस ने तुरंत कन्हैयालाल को थाने बुलाया. कन्हैयालाल ने पुलिस को वही बात बताई जो पिछले दिन उन्होंने रियाज़ और गौस से कही थी. उन्होंने कहा कि ये पोस्ट उन्होंने नहीं की है. 

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फिर भी पुलिस ने कन्हैयालाल को गिरफ्तार कर लिया. फिर अगले दिन उन्हें कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जमानत मिल गई. लेकिन घर आते ही कन्हैयालाल को जान से मार डालने की धमकियां मिलने लगीं. इस डर से उन्होंने 12, 13 और 14 जून 2022 को अपनी दुकान बंद ही रखी. लेकिन घर का सवाल था. इसलिए उन्होंने 15 जून 2022 को दुकान फिर से खोल ली.

दोनों पक्षों के बीच मामला किया गया रफा-दफा
उन्होंने इसी के साथ नाज़िम से भी बात की. उसे कहा कि वो उस पोस्ट के बारे में नहीं जानते हैं और वैसे भी वो पोस्ट डिलीट कर दी गई है. मामला शांत करवाने के लिए फिर इलाके के ही 7 से 8 जाने-माने लोगों ने एक मीटिंग रखी. इस मीटिंग में इलाके में रहने वाले हिंदू-मुस्लिम दोनों धर्म के जाने-माने लोग शामिल थे. फिर इस मामले को यहीं रफा दफा कर दिया गया. कन्हैयालाल को भी लगने लगा कि अब तो सब सही हो गया है.

लेकिन उन्हें फिर भी फोन पर जान से मार डालने की धमकियां मिल रही थीं. तो कन्हैयालाल ने सोचा कि क्यों न इस बारे में थाने में ही FIR दर्ज करवा दी जाए. कन्हैयालाल ने फिर उसी पुलिस स्टेशन में जाकर अपनी FIR दर्ज करवानी चाही. लेकिन पुलिस वालों ने कंप्लेंट लिखने के बाद भी उस पर कोई एक्शन नहीं लिया. उन्होंने कन्हैयालाल से कहा कि दूसरे पक्ष के साथ जाकर समझौता कर लो. कन्हैयालाल ने फिर ऐसा ही किया.

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दूसरी बार हुआ समझौता
पुलिस के सामने ही मीटिंग रखी गई. बात आई गई हो गई. दूसरे पक्ष ने कहा कि अब तुम्हें किसी भी तरह की धमकी नहीं मिलेगी. कन्हैयालाल भी इस बात से निश्चिंत हो गए कि चलो ठीक है अब सब सही हो जाएगा. लेकिन उन्हें नहीं पता था कि आगे उनके साथ क्या होने वाला है.

नाप लेने के दौरान कन्हैयालाल पर किया हमला
वह रोजाना की तरह अपनी दुकान खोलने लगे. फिर दिन आया 28 जून 2022 का. इस दिन कपड़े सिलवाने के बहाने से मोहम्मद रियाज़ और मोहम्मद गौस एक बार फिर कन्हैयालाल की दुकान पर आए. कन्हैयालाल जैसे ही उनमें से एक का नाप ले ही रहे थे कि तभी दूसरे ने उनपर चाकू से जानलेवा हमला कर दिया. कन्हैलाल चीखने-चिल्लाने लगे. कहने लगे कि ऐसा मत करो.

तभी दूसरा शख्स भी उनपर टूट पड़ा. कन्हैयालाल बार-बार एक ही बात कह रहे थे कि मैंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है? मेरे दो बेटे हैं एक बीवी है. कृपया करके मेरी जान बख्श दो. लेकिन उन दोनों के सिर पर तो जैसे खून सवार था. उन्होंने बड़ी ही बेरहमी से उनकी गर्दन पर वार करके उसके काटने का प्रयास किया.

हत्या की वारदात को कैमरे में किया रिकॉर्ड
जब वे गर्दन काट न सके तो कन्हैयालाल को घसीटते हुए दुकान से बाहर लाए और चाकू से गला रेत डाला. इस दौरान कन्हैयालाल के दुकान में काम करने वाले एक शख्स ने जरूर उन्हें बचाने की कोशिश की. लेकिन हमलावरों ने उन पर भी हमला करके उन्हें घायल कर दिया. इसके बाद आरोपी वहां से फरार हो गए. बता दें, हत्या की वारदात को उन्होंने अपने मोबाइल के कैमरे में भी रिकॉर्ड कर लिया था.

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देखते ही देखते ये बात आग की तरह हर जगह फैल गई. पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया. आरोपियों के बारे में पुलिस पता लगाने की कोशिश कर ही रही थी कि तभी सोशल मीडिया पर मोहम्मद रियाज़ और मोहम्मद गौस ने एक वीडियो डाला. इसमें उन्होंने कबूल किया कि ये हत्या उन्होंने ही की है. हत्या में इस्तेमाल चाकू भी उन्होंने दिखाया. साथ ही कहा कि जो हमारे धर्म के बारे में ऐसे पोस्ट डालेगा, उसका अंजाम यही होगा.

जेल में बंद हैं दोनों आरोपी
जल्द ही पुलिस ने उन दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. हर कोई आरोपियों को फांसी देने की मांग कर रहा था. कई जगह आरोपियों को फांसी की देने की मांग को लेकर प्रदर्शन भी किए गए. लोगों के अंदर आरोपियों को लेकर इतना गुस्सा था कि जब उन्हें पेशी के लिए कोर्ट ले जाया जा रहा था तो लोगों ने पुलिस सुरक्षा होने के बावजूद उन्हें पीटने की कोशिश की.

न्याय की आस में बैठा है कन्हैयालाल का परिवार
इस हत्याकांड को बीते एक साल हो चुका है. अभी भी यह केस कोर्ट में चल रहा है. ताजा हालात की बात करें तो कन्हैया लाल के परिवार के घर के बाहर अब भी पुलिसकर्मी रहते हैं. ताकि उन्हें कोई नुकसान न पहुंचा दें. पत्नी जसोदा अपने दिवंगत पति की सिलाई मशीन को निहारती रहती हैं. आए दिन उनके सिले कपड़ों को लेकर बैठ जाती हैं. इन्हें लोगों को दिखाती हैं.

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पिता के बिना बेटे अपना जन्मदिन तक नहीं मनाते. पत्नी को आज तक उनके पति की हत्या का वीडियो नहीं दिखाया गया है, वो कहती हैं कि उनका बस चले तो हत्यारों को मार डालें.

उनका कहना है कि इधर पूरा परिवार तिल-तिल कर मर रहा है और दूसरी ओर, आरोपियों को जेल में रोटियां खिलाई जा रही है. कन्हैया लाल की हत्या के बाद घर पर रिश्तेदारों का आना भी कम हो गया है क्योंकि यहां कन्हैया की यादें जुड़ी हैं.

कन्हैयालाल का परिवार कर रहा हत्यारों को फांसी देने की मांग
कन्हैयालाल का परिवार आज भी हत्यारे रियाज और गौस मोहम्मद की फांसी की मांग कर रहा है. कन्हैया के बड़े बेटे यश साहू ने आरोपियों को फांसी नहीं हो जाने तक बाल नहीं कटवाने और पैरों में जूते नहीं पहनने का संकल्प लिया है.

परिजनों ने अब तक कन्हैया लाल की अस्थियों का विसर्जन भी नहीं किया है. परिजन इस हत्याकांड की वजह पुलिस की लापरवाही और ज्ञानव्यापी मस्जिद के मुद्दे पर टीवी चैनलों पर बहस को मान रहे हैं. यश का कहना है कि जिस दिन उनके पिता के हत्यारों को फांसी मिलेगी, उसी दिन अस्थियों का विसर्जन करेंगे. यही उनके पिता को सच्ची श्रद्धांजलि होगी.

24 घंटे कन्हैयालाल के घर में तैनात रहती है पुलिस
वहीं, छोटे बेटे तरुण ने बताया कि उनके पिता उसे फार्मेसी की पढ़ाई कराना चाहते थे.  उनके जाने के बाद सब कुछ छूट गया है. 24 घंटे कन्हैया के परिवार की सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं. दोनों बेटे या पत्नी जब भी घर से बाहर निकलते है तो उनके साथ एक पुलिसकर्मी जरूर होता है.

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यही नहीं, उनके घर पर भी 6 सीसीटीवी कैमरे भी लगे है. जिससे लगातार मॉनिटरिंग की जाती है और कुछ भी संदिग्ध लगने पर तुरंत पुलिसकर्मी उसे पकड़ते हैं.

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