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जयपुर में कांग्रेस नेता पुष्पेंद्र भारद्वाज के ऑफिस में चोरी, CM के खिलाफ लड़ा था चुनाव

कांग्रेस नेता पुष्पेंद्र भारद्वाज का कहना है कि उनके कार्यालय को चोरों ने निशाना बनाया है. जबकि उनका कार्यालय मुख्यमंत्री के चुनावी कैंप से महज 100 मीटर की दूरी पर है. ऐसे में अगर इस तरह की वारदात हो सकती है, तो यह सोचने वाली बात है. उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि सांगानेर में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है.

चोरी की घटना CCTV में कैद.  चोरी की घटना CCTV में कैद.
विशाल शर्मा
  • जयपुर,
  • 20 मई 2024,
  • अपडेटेड 9:17 PM IST

राजस्थान के जयपुर में एक कांग्रेस नेता के ऑफिस में चोरी की घटना सामने आई है. घटना के बाद ऑफिस के कर्मचारी बनवारीलाल ने मुहाना थाने में एफआईआर दर्ज कराई है. वहीं, घटना के बाद कांग्रेस नेता पुष्पेंद्र भारद्वाज ने कानून व्यवस्था को लेकर सीएम पर सवाल उठाए हैं.

बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में सांगानेर सीट से कांग्रेस पार्टी के टिकट पर पुष्पेंद्र भारद्वाज मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के खिलाफ चुनाव लड़े थे.

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'चौकीदार को किया बेहोश'

दरअसल, घटना 17 मई की रात करीब 12.30 बजे सांगानेर इलाके में हुई. यहां दो शातिर चोर पुष्पेंद्र भारद्वाज के ऑफिस में घुसे और चौकीदार को कुछ सुंघाकर बेहोश कर दिया. इसके बाद आराम से पूरे ऑफिस में जाकर हर जगह की तलाशी ली. फिर जो भी हाथ लगा, उसे ले गए. हालांकि, चोर अपने साथ सिर्फ एलईडी टीवी, कंप्यूटर और कुछ छोटा-मोटा सामान ही ले गए.

'मुहाना थाने में एफआईआर दर्ज'

बताया जा रहा है कि इन चोरों ने ऑफिस से थोड़ी दूरी एक और चोरी की वारदात को अंजाम दिया और 60 हजार रुपए नकद और 3 मोबाइल चुरा लिए. घटना के बाद कार्यालय कर्मचारी बनवारीलाल ने मुहाना थाने में एफआईआर दर्ज कराई है. 

FIR कॉपी.

'सरकार को उग्र आंदोलन की दी चेतावनी'

कांग्रेस नेता पुष्पेंद्र भारद्वाज का कहना है कि उनके कार्यालय को चोरों ने निशाना बनाया है. जबकि उनका कार्यालय मुख्यमंत्री के चुनावी कैंप से महज 100 मीटर की दूरी पर है. ऐसे में अगर इस तरह की वारदात हो सकती है, तो यह सोचने वाली बात है. उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि सांगानेर में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है. यहां सरकार बदलने के बाद चोरी, चेन स्नेचिंग, लूट जैसी बड़ी वारदातें होने लगी है. मगर, यहां के मौजूदा विधायक जो कि प्रदेश के मुखिया हैं, उन्हें इसकी कोई चिंता नहीं है. अगर ऐसा ही चलता रहा, तो सरकार को उग्र आंदोलन के लिए तैयार रहना चाहिए.

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