
राजस्थान के अलवर में लग्जरी लाइफ जीने के लिए युवाओं ने चोरी का रास्ता अख्तियार किया. इसके बाद एक गैंग बनाया. इसमें 10 से ज्यादा लोग हैं. सभी की उम्र 18-30 साल के बीच है. हर मेंबर को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई. पुलिस ने फिलहाल दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. पूछताछ करके बाकी सदस्यों की तलाश में जुटी है. इस गैंग ने छह महीने में कई वारदातों को अंजाम दिया है.
दरअसल, मामला अलवर के नजदीक सामोला गांव का है. यहां पुलिस चोरी की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए कई दिनों से दबिश दे रही थी. इसी कड़ी में बड़ी सफलता तब मिली, जब चोरी की वारदातों में शामिल एक गैंग के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया. इनकी पहचान गैंग सरगना कादर और साथी साहिल के रूप में हुई है. इनसे पूछताछ हुई तो हैरान कर देने वाले खुलासे हुए.
'गैंग में सिर्फ गांव के ही युवा शामिल'
आरोपियों ने पुलिस को बताया कि गैंग में 10 से ज्यादा लोग शामिल हैं. कादर गैंग का मुखिया है. इसमें केवल गांव के युवाओं को ही शामिल किया जाता था, ताकी कोई सूचना लीक ना कर दे. सभी की उम्र 18-30 साल के बीच है. कादर गैंग में शामिल लोगों को ट्रेनिंग देता था.
इसके बाद हर मेंबर को उसकी जिम्मेदारी देता था. गैंग का कोई सदस्य मकानों की रेकी करता था तो कोई सामान बेचने और चोरी करने में काम आने वाले वाहनों की व्यवस्था करता था. फिर वारदात को अंजाम दिया जाता था.
'गांव के बेरोजगार युवा गैंग में होते थे शामिल'
इस मामले में पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा ने बताया कि सामोला गांव के युवा लग्जरी लाइफ जीने के लिए चोरी की घटना को अंजाम देते थे. आरोपी छह महीनों के अंदर करीब 33 घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं. गांव में जिन युवाओं की नौकरी नहीं लगती थी, वो इसमें शामिल होते थे. आरोपी चोरी करने के बाद तुरंत सामान बेच देते थे. गैंग का सरगना इससे पहले भी दो बार जेल जा चुका है. पुलिस गैंग में शामिल बाकी सदस्यों की तलाश के लिए दबिश दे रही है.
चोरों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी- एसपी
एसपी ने कहा कि चोरी की घटना के बाद गैंग के सदस्य चोरी किया हुआ माल कैसे डिवाइड करते थे. गैंग का मुखिया किस तरह ट्रेनिंग देता था. इसके अलावा कई ऐसे सवाल हैं, जिनका जवाब पुलिस तलाश कर रही है. चोरों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी. उसमें कई बड़े खुलासे हो सकते हैं.