
कई महीनों से हरियाणा में आतंक मचा रहे बाघ को ट्रेंकुलाइज कर लिया गया है. अब इस एसटी-2303 को बूंदी के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व भेजा जा रहा है. ये बाघ लंबे वक्त से सरिस्का बाला किला बफर जोन से निकल आया था और तीन महीने से हरियाणा के झाबुआ बीड के जंगलों में घूम रहा था.
सरिस्का के सीसीएफ संग्राम सिंह ने बताया कि युवा नर बाघ st2303 सरिस्का क्षेत्र के बाला किला के बफर जोन के जंगल में घूम रहा था. इस बाघ की उम्र लगभग तीन साल का है. इसकी मांst19 व पिताst18 है. वहां उसका अपने पिता से संघर्ष हुआ और उसके बाद वो जंगल से बाहर निकाला और हरियाणा पहुंच गया था. इसे आखिरी बार 15 अगस्त, 2024 को बफर जोन के एक गांव में देखा गया था.
उन्होंने बताया कि हरियाणा के रेवाड़ी स्थित झाबुआ बीड के जंगल में वो 17 अगस्त, 2024 से घूम रहा था. कोटकासिम, मुंडावर और भिवाड़ी होते हुए रेवाड़ी पहुंच गया था. इस दौरान उसने रास्ते में कई लोगों पर हमले किए और उनको घायल किया.
इससे पहले भी वह एक बार हरियाणा पहुंचा था, लेकिन कुछ वक्त वहां रहने के बाद वापस सरिस्का के जंगल में वापस लौट आया था. अब लंबे वक्त से बाघ हरियाणा में घूम रहा था. कुछ दिन पहले वापस बाघ को कोटकासिम आसपास क्षेत्र के खेतों में देखा गया था, लेकिन वापस बाघ हरियाणा पहुंच गया था.
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण दिल्ली ने बाघ को ट्रेंकुलाइज करने के आदेश दिए है. इसके बाद तीन टीम को ट्रेंकुलाइज करने में जुटी हुई थी, जिसमें सरिस्का, जयपुर, रणथंभौर की टीम शामिल थी.
रणथंभौर की टीम को 3 महीने बाद बड़ी सफलता मिली है. लंबे समय के इंतजार के बाद और कई बार ट्रेंकुलाइज के प्रयास करने के बाद रविवार को रणथंभौर की टीम को बड़ी सफलता मिली और बाघ को ट्रेंकुलाइज किया. बाघ को सड़क मार्ग के रास्ते से राजस्थान के बूंदी स्थित रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व भेजा गया है.