
राजस्थान के कोटा में बाघ के हमले में केयरटेकर की मौत हो गई है. घटना अभेड़ा जैविक उद्यान (Abheda Biological Park) की है. बाघ के हमले में घायल हुए केयरटेकर का अस्पताल में इलाज चल रहा था. जहां उनकी मौत हुई है.
बताया गया कि, घटना शुक्रवार दोपहर की है. अभेड़ा जैविक उद्यान में रामदयाल नागर काम करते थे. वह यहां मौजूद एक बाघ के केयरटेकर थे. शुक्रवार को जब वह बाघ की चोट पर दवा छिड़क रहे थे उस दौरान बाघ ने रामदयाल पर हमला कर दिया था. इस हमले में वह बुरी तरह से घायल हो गए थे.
कोटा के उप वन संरक्षक बिजो जॉय ने कहा कि बाघ के हमले में गंभीर रुप से घायल हुए केयरटेकर रामदयाल को अस्पताल ले जाया गया था. यहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.
रामदयाल की कट गई थी गर्दन: पार्क कर्मचारी
वहीं, नाम न छापने की शर्त पर अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क के एक कर्मचारी ने बताया कि बाघ के हमले में रामदयाल की गर्दन कट गई थी. उसका कहना है कि संभवतः केयरटेकर द्वारा बाघ पर दवा छिड़कने के बाद बाड़े का गेट खुला छोड़ दिया था. यहां ठीक से लॉक नहीं किया गया था.
'शोर मचाने पर पिंजरे में चला गया था बाघ'
इसी दौरान रामदयाल पर बाघ ने हमला कर दिया. क्योंकि उसे चोट लगी थी और रामदयाल उस पर दवा छिड़कर बाहर निकल रहे थे. दवा से असहज बाघ ने उन पर हमला कर दिया. कर्मचारी के मुताबिक, पार्क में मौजूद लोगों के शोर मचाने पर बाघ वापस पिंजरे में चला गया था.
बाघ की चोट पर हर रोज दवा छिड़कते थे रामदयाल: पार्क प्रभारी
अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क प्रभारी सुनील गुप्ता का कहना है कि बाघ की चोट का इलाज चल रहा है. उन्होंने आगे कहा कि केयरटेकर रामदयाल हर दिन बाघ की चोट पर दवा का छिड़काव करते थे. केयरटेकर के शव का पोस्टमार्टम कराया गया है.