
सांप या सपोले चाहे विषैले हों या विषहीन, उन्हें देखने के बाद शरीर में सिहरन दौड़ जाना स्वाभाविक है. राजस्थान के टोंक जिले के टोडारायसिंह उपखंड के मोर गांव में एक घर के बाहर चार-पांच सपोले नजर आए. इसके बाद वहां जब बिल की खुदाई की गई तो सांप के लगभग 250 से अधिक अंडे निकल पड़े.
इस दौरान लोगों नें कई अंडों को फोड़ दिया तो उनमें से सपोले निकल पड़े. इतने सारे अंडे व सपोले एक साथ नजर आने के बाद मकान मालिक घबरा गया. लोगों ने कई सपोलों को मार दिया तो कई अंडों व सपोलों को गांव से दूर जंगल में फेंक दिया.
चैकर्ड कील बेक प्रजाति के सांप के थे अंडे
सर्प विशेषज्ञ विवेक शर्मा, रॉकी डेनियल व जय कुमार ने बताया कि ये अंडे व सपोले सामान्य रूप से नदी नालों में पाए जाते हैं. ये अंडे व सपोले पानी के सांप यानी की चैकर्ड कील बेक के थे, जिनका इन दिनों प्रजनन का समय चल रहा है. सांपों की यह प्रजाति पूरी तरह से विषहीन होती है.
इतने सारे अंडे व सपोले एक साथ कैसे मिले?
सर्प विशेषज्ञ बताते हैं कि कील बेक की मादा एक बार में 40-50 अंडों तक fertilization करती है और लगभग 60-70 दिनों बाद उनमें से सपोलों का निकलना शुरू हो जाता है. इतने सारे अंडों व सपोलों के मिलने के पीछे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यहां कुछ मादाओं ने समूह में अंडों का fertilization किया होगा.
सर्प विशेषज्ञों की देखरेख में वैज्ञानिक तरीके से निकाले जा सकते थे सपोले
सर्प विशेषज्ञों के अनुसार, ग्रामीणों ने जिस तरह से अंडे तोड़े व कुछ सपोलों को मार दिया और कुछ को दूर स्थान पर छोड़ दिया है, ये पूरी तरह से गलत है. इन अंडों से विशेषज्ञों की देखरेख में वैज्ञानिक तरीके से सपोलों का जन्म कराया जा सकता था. लोगों ने इस बार में वन विभाग सूचना नहीं दी. सभी अंडों व सपोलों को नष्ट कर दिया.