
अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोइनुदीन हसन चिश्ती के 811वें उर्स के मौके पर गुस्ल की रस्म के दौरान जन्नती दरवाजे के सामने स्थित शाहजहनी मस्जिद में खादिम और जायरीन आपस में भिड़ गए जिसका विडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
बताया जा रहा है कि दरगाह में विवादित नारे भी लगाए गए जिसके बाद इस मामले में एफआईआर भी दर्ज की गई है. ये एफआईआर दरगाह कमेटी की तरफ से दर्ज कराई गई है.
यह झगड़ा बरेलवी विचारधारा के जायरीन द्वारा लगाए गए नारे के बाद शुरू हुआ. जायरीन के द्वारा विवादित नारे लगाने के बाद माहौल गर्मा गया और देखते ही देखते कुछ खादिम युवक भी उत्तेजित हो गए और मारपीट होने लगी.
हालांकि दरगाह थाना प्रभारी अमर सिंह भाटी ने लोगों को समझाते हुए माहौल को तनावपूर्ण होने से बचाया और मौके पर नारे लगा रहे जायरीन को फौरन रोका गया. युवकों को खदेड़ दिया गया जिससे मामला शांत हो गया.
मामले की जानकारी देते हुए अजमेर के एडिशनल एसपी विकास सांगवान ने बताया की 811वें उर्स के दौरान गुस्ल की रस्म के दौरान कुछ लोगों द्वारा शाहजहानी मस्जिद में विवादित नारेबाजी की गई थी. उसी दौरान वहां मौजूद खादिम समुदाय के लोगों और दरगाह कमेटी के स्टाफ ने नारेबाजी करने वालों को रोका. इस दौरान दोनों पक्षों में झड़प हो गई.
अधिकारी ने कहा कि वहां मौजूद पुलिस बल की सहायता से स्थिति को नियंत्रण में कर लिया गया. साथ ही जो लोग इसमें शामिल थे उनका वीडियो वायरल हो गया जिसके बाद दरगाह कमेटी द्वारा शिकायत दी गई जिस पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है. दरगाह कमेटी ने अपनी शिकायत में बताया है की इस दौरान उनके स्टाफ को भी चोटें आई हैं...
दरगाह की अंजुमन कमेटी के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने भी पूरे मामले में अपना एक वीडियो जारी किया है. सरवर चिश्ती ने कहा की बरेलवी पूर्व में भी इस तरह की हरकत कर चुके है. जिला प्रशासन को पूर्व में भी बताया गया था कि इस तरह की नारेबाजी को रोका जाना चाहिए, इसके लिए दरगाह परिसर में भी पोस्टर लगाए गए थे.