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Alwar: एक टाइगर रास्ता भूला, तो दूसरा पिता के डर से जंगल छोड़कर भागा, सरिस्का के दो बाघों की तलाश में जुटा वन विभाग

सरिस्का टाइगर रिजर्व के दो युवा बाघ इन दिनों अनजान जगहों पर घूम रहे हैं. एक बाघ सरिस्का से सटे जमवारामगढ़ के जंगल में रास्ता भूल गया है और हाईवे पार करने में असमर्थ है. दूसरा बाघ, अपने पिता के डर से हरियाणा के झाबुआ के जंगल में पहुंच गया है और खेतों में घूम रहा है.

(प्रतीकात्मक तस्वीर) (प्रतीकात्मक तस्वीर)
हिमांशु शर्मा
  • अलवर ,
  • 18 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 7:15 PM IST

सरिस्का टाइगर रिजर्व के दो युवा बाघ इन दिनों जंगल से बाहर अनजान स्थानों पर घूम रहे हैं. इनमें से एक बाघ, st24, पिछले दो साल से सरिस्का से सटे जयपुर के जमवारामगढ़ जंगल में है. इस बाघ ने कई बार सरिस्का लौटने की कोशिश की, लेकिन हाईवे पर तेज रफ्तार गाड़ियों की आवाज के चलते वह वापस नहीं लौट पा रहा है.

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बाघ के पगमार्क हाईवे के फ्लाईओवर तक मिलते हैं, लेकिन गाड़ियों के शोर के कारण वह इसे पार करने से डर रहा है और जमवारामगढ़ के घने जंगल में ही ठहर गया है. यहां उसे भोजन और पानी की कोई कमी नहीं है.

सरिस्का टाइगर रिजर्व से भाग दो बाघ

वहीं, दूसरा बाघ st2023, जो सरिस्का के बाला किला बफर जोन में रहता था, अपने पिता st18 से डरकर हरियाणा के झाबुआ के जंगलों में चला गया है. यह युवा बाघ पहले भी एक बार हरियाणा पहुंचा था और फिर वापस अलवर लौट आ गया था. इस बार फिर वह झाबुआ के खेतों में घूम रहा है और उसे ट्रेंकुलाइज कर सरिस्का लाने की प्रक्रिया जारी है. 

वन विभाग बाघों को टाइगर रिजर्व में लाने में जुटा

सरिस्का के सीसीएफ संग्राम सिंह ने बताया कि वन विभाग की टीमें दोनों बाघों की हर गतिविधि पर नजर रख रही हैं. जमवारामगढ़ के जंगल में घूम रहा बाघ सुरक्षित है, जबकि झाबुआ पहुंचे बाघ को जल्द ही ट्रेंकुलाइज कर सरिस्का वापस लाने की कोशिश की जा रही है.

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बता दें सरिस्का में अभी 43 बाघ एवं शावक हैं. यहां बाघों की संख्या और बढ़ाने के लिए सरिस्का प्रशासन की तरफ से बाघ संरक्षण प्लान तैयार कराया जा रहा है. इस प्लान में सरिस्का बाघों की संख्या में तेजी से इजाफा करने पर जोर दिया गया है.

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