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उदयपुर की रॉयल फैमिली की लड़ाई सड़क पर आई, सिटी पैलेस के बाहर पथराव, पढ़ें- पूरा घटनाक्रम

सोमवार (25 नवंबर) की सुबह चित्तौड़गढ़ किले में विश्वराज सिंह को पूर्व राजपरिवार के मुखिया के रूप में नियुक्त किया गया. उन्हें गद्दी पर बैठाने की परंपरा निभाई गई. इस रस्म को पगड़ी दस्तूर कहा जाता है, ये रस्म चित्तौड़गढ़ के 'फतह प्रकाश महल' में पूरी की गई. इस दौरान खून से उनका तिलक किया गया. साथ ही 21 तोपों की सलामी भी दी गई.

विश्वराज सिंह मेवाड़ का राजतिलक किया गया विश्वराज सिंह मेवाड़ का राजतिलक किया गया
सतीश शर्मा
  • उदयपुर,
  • 26 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 7:09 AM IST

उदयपुर के पूर्व मेवाड़ राजपरिवार का प्रॉपर्टी विवाद अब खुलकर सामने आ गया है. बात यहां तक बिगड़ गई कि सिटी पैलेस के बाहर पथराव हो गया. दरअसल, बीजेपी विधायक विश्वराज सिंह और उनके समर्थकों को सिटी पैलेस में प्रवेश करने से रोक दिया गया. इसके बाद जमकर हंगामा हुआ. दोनों पक्षों में झड़प हुई, इसमें तीन लोग घायल हो गए. सिटी पैलेस का मैनेजमेंट उनके चचेरे भाई लक्ष्यराज सिंह और चाचा अरविंद सिंह मेवाड़ करते हैं.

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विश्वराज सिंह का राजतिलक किया गया

बता दें कि इस महीने की शुरुआत में पिता महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के बाद सोमवार (25 नवंबर) की सुबह चित्तौड़गढ़ किले में विश्वराज सिंह को पूर्व राजपरिवार के मुखिया के रूप में नियुक्त किया गया. उन्हें गद्दी पर बैठाने की परंपरा निभाई गई. इस रस्म को पगड़ी दस्तूर कहा जाता है, ये रस्म चित्तौड़गढ़ के 'फतह प्रकाश महल' में पूरी की गई. इस दौरान खून से उनका तिलक किया गया. साथ ही 21 तोपों की सलामी भी दी गई.

सिटी पैलेस में जाने से रोका गया

चित्तौड़गढ़ के उत्तराधिकारी घोषित किए जाने के बाद विश्वराज सिंह, उदयपुर के सिटी पैलेस मैं जाकर 'धूणी स्थल' पर नमन करना चाहते थे, इसके बाद एकलिंगनाथजी महाराज के मंदिर में दर्शन करना चाहते थे, लेकिन मौजूदा ट्रस्ट के मुखिया अरविंद सिंह मेवाड़ ने इसे ग़ैरक़ानूनी घोषित कर दिया.

अरविंद सिंह ने विश्वराज के खिलाफ जारी किया नोटिस

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विश्वराज सिंह का राज्याभिषेक समारोह राजपरिवार में विवाद की वजह से प्रभावित हुआ. अरविंद सिंह ने अनुष्ठान के तहत विश्वराज के उदयपुर में कुल देवता के एकलिंगनाथजी मंदिर और सिटी पैलेस में जाने के खिलाफ कानूनी नोटिस जारी कर दिया.

दोनों पक्षों के बीच हुई झड़प, तीन घायल

सिटी पैलेस में प्रवेश से रोके जाने के बाद दोनों पक्षों के बीच झड़प शुरू हो गई और पत्थरबाजी की गई, इसमें तीन लोग घायल हो गए, विश्वराज सिंह के समर्थकों ने पैलेस के गेट पर धावा बोलने की कोशिश की. इस दौरान विश्वराज सिंह के समर्थकों ने नारेबाजी की और सिटी पैलेस के बाहर एकत्र हो गए. जबकि पुलिस उन्हें रोकने और स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की.

अरविंद सिंह करते हैं मंदिर और महल की देखरेख

बता दें कि मंदिर और महल दोनों की देखरेख अरविंद सिंह करते हैं, जो उदयपुर में श्री एकलिंगजी ट्रस्ट के अध्यक्ष और प्रबंध न्यासी हैं. रविवार (24 नवंबर) को सिटी पैलेस का प्रबंधन करने वाले ट्रस्ट ने दो सार्वजनिक नोटिस भी जारी किए, जिसमें कहा गया कि विश्वराज सिंह ट्रस्ट के सदस्य नहीं हैं और सुरक्षा कारणों से सोमवार को किसी भी अनधिकृत व्यक्ति को पैलेस संग्रहालय में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी.

सिटी पैलेस के बाहर पुलिस बल तैनात

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कानून और व्यवस्था की स्थिति की आशंका को देखते हुए पुलिस ने बैरिकेड्स लगा दिए थे और सिटी पैलेस के बाहर और आस-पास के इलाकों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था. लेकिन, जब विश्वराज सिंह को सिटी पैलेस में प्रवेश करने से मना कर दिया गया, तो उनके गुस्साए समर्थकों ने बैरिकेड्स तोड़ दिए और सिटी पैलेस के गेट के करीब जाने की कोशिश की. हालंकि विश्वराज सिंह ने इस घटना की निंदा की और कहा कि शाही रस्मों को निभाने से रोकना गलत है.

पुलिस ने की दोनों पक्षों से बातचीत

वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों, उदयपुर के जिला मजिस्ट्रेट अरविंद पोसवाल और एसपी योगेश गोयल ने विश्वराज सिंह और उनके समर्थकों से बात की और मामले को सुलझाने की कोशिश की. उन्होंने अरविंद सिंह के बेटे से भी बात की, लेकिन बातचीत बेनतीजा रही.

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