
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगामी दौरे से पहले जयपुर में वसुंधरा राजे ने शक्ति प्रदर्शन किया. इस दौरान वसुंधरा राजे ने कहा कि मैं राजस्थान छोड़ने वाली नहीं हूं. मैं यहीं रहूंगी और लोगों की सेवा करूंगी. राजे ने कहा कि भगवान कृष्ण ने द्रौपदी को आशीर्वाद देते हुए कहा था कि जब उसे सबसे ज्यादा जरूरत हो तो वह उनकी मदद ले सकती है. जब कौरवों ने द्रौपदी का अपमान किया, तो उसने भगवान कृष्ण से मदद मांगी. लोगों ने यह सोचकर उसका मज़ाक उड़ाया कि वह उसकी मदद करने नहीं आएंगे, लेकिन वह आए.
वसुंधरा राजे ने कहा कि मैं महिला आरक्षण विधेयक लाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देना चाहती हूं. इसकी मांग लंबे समय से रही है. भाजपा नेत्री ने कहा कि कुछ महिलाएं मेरे हाथ पर रक्षा सूत्र बांधना चाहती थीं. मैं उनकी मांग का सम्मान करना चाहती हूं. लेकिन मुझे इस तरह के समर्थन की उम्मीद नहीं थी. राजे ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस कदम के लिए धन्यवाद देना चाहती हूं. यह महिलाओं की लंबे समय से मांग रही है.
गौरतलब है कि आने वाले दिनों में राजस्थान में चुनाव होने हैं जिसको लेकर सत्ताधारी कांग्रेस और विपक्षी पार्टी बीजेपी एक दूसरे पर हमले का कोई भी मौका नहीं छोड़ती है. हालांकि इस बीच एक ऐसी तस्वीर सामने आई है जिसने सभी को चौंका दिया है. एक कार्यक्रम में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और बीजेपी की कद्दावर नेता और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे साथ में नजर आ रहीं हैं.
सीएम गहलोत और वसुंधरा राजे की ये मुलाकात कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ राजस्थान के उद्घाटन के मौके पर हुई. वहां विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी और एलओपी राजेंद्र राठौड़ समेत अन्य लोग भी मौजूद थे. ये तस्वीर अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है जिसके बाद चुनाव से ठीक पहले राजस्थान में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है.
बता दें कि राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव प्रचार भी जोरों पर है और आने वाले दिनों में पीएम मोदी की वहां रैली होनी है, लेकिन बीजेपी की लोकप्रिय चेहरा, दो बार की मुख्यमंत्री और पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे की इसमें सक्रियता क्यों दिखाई नहीं दे रही है. इस सवाल का जवाब देने की स्थिति में राजस्थान बीजेपी में कोई नहीं है. यह भी साफ नहीं है कि बीजेपी ने वसुंधरा राजे को चुनाव से दूर कर रखा है या वसुंधरा राजे खुद ही चुनाव से दूर हैं.