
राजस्थान के टोंक जिले के समरावता गांव में हुए थप्पड़ कांड और उसके बाद की हिंसा को लेकर स्थिति सामान्य होती नजर आ रही है. जयपुर में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात के बाद ग्रामीणों की सभी मांगों को स्वीकार कर लिया गया है. सरकार ने मामले की जांच संभागीय आयुक्त से कराने और ग्रामीणों के नुकसान की भरपाई करने की घोषणा की है.
दरअसल, टोंक में थप्पड़ कांड के बाद हुई समरावता हिंसा को लेकर पंचायत ने ऐलान किया है कि गांव में किसी बाहरी व्यक्ति या नेता को राजनीति नहीं करने दी जाएगी. ग्रामीणों की ओर से बोलते हुए समरावता के शंकरलाल मीना ने कहा कि सरकार ने हमारी मांगें मान ली हैं. समरावता और कचरावता को देवली ब्लॉक से हटाकर उनियारा ब्लॉक में शामिल किया जाएगा. गांव के जितने भी निर्दोष लोग पकड़े गए हैं, उन्हें जांच के बाद छोड़ दिया जाएगा. इसलिए ग्रामीणों ने गांव को राजनीति से दूर रखने का फैसला किया है.
ये भी पढ़ें- गलियों में सन्नाटा, सड़कों पर मलबा... नरेश मीणा थप्पड़ कांड के बाद सुलग उठी थी हिंसा की आग, अब कैसे हैं हालात, Photos
ग्रामीणों के नुकसान की भरपाई करने की घोषणा
राजस्थान सरकार ने इसकी जांच संभागीय आयुक्त से कराने का ऐलान किया है. समरावता के आसपास के गांवों के लोगों ने आज जयपुर में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात की. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि ग्रामीण जिस तरह की जांच चाहते हैं, सरकार उसके लिए तैयार है. चाहे वह न्यायिक मजिस्ट्रेट से हो या संभागीय आयुक्त से. मंत्री किरोड़ी लाल मीना ने कहा है कि गांव में जो भी नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई सरकार करेगी.
पुलिस पर हमला करने वाले ज्यादातर लोग बाहरी थे. गांव में करीब 40 वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया है, जिसमें से दो पुलिस के चार पहिया वाहन हैं और सात ही दो पहिया वाहन ग्रामीणों के हैं, बाकी सभी बाहरी हैं. जांच में पुलिस ज्यादती की भी जांच की जाएगी. ग्रामीणों ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. इस पर सरकार ने जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया है.
ग्रामीणों के साथ प्रेस वार्ता में मंत्री किरोड़ी लाल मीना के अलावा गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम और जलदाय मंत्री कन्हैया लाल चौधरी ने हिस्सा लिया. तीनों मंत्री कल गांव में जाकर सरकार के फैसलों की जानकारी देंगे. मंत्रियों ने कहा कि इस मुद्दे पर गांव या आसपास कहीं भी कोई प्रदर्शन नहीं चल रहा है. ये सभी बाहरी लोग राजनीति कर रहे हैं. इस मामले में 81 लोगों को आरोपी बनाया गया है. जिसमें से करीब 60 लोग समरवता गांव के बाहर के हैं.
81 लोगों में से 19 लोगों को किया गया रिहा
मामले को लेकर कांग्रेस पर पूरी साजिश रचने का आरोप लगाया गया. मंत्रियों ने कहा कि नरेश मीना थप्पड़ कांड और उसके बाद हुई हिंसा में एसडीएम, एसपी और कलेक्टर के पति को जाट बताकर जाट-मीणा जातिगत संघर्ष पैदा करने की कोशिश की जा रही है, जो सफल नहीं होगी. वहीं, ग्रामीणों की मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद थप्पड़ कांड के बाद भड़की समरवता हिंसा के बाद गिरफ्तार किए गए 81 लोगों में से पुलिस ने समरवता के 19 लोगों को हिरासत से रिहा कर दिया है.