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कोर्ट के आदेश पर 55 हजार रुपयों का सिक्का लेकर पहुंचा पति, पत्नी ने कहा- नोट में चाहिए पूरी रकम

राजस्थान की राजधानी जयपुर में दहेज प्रताड़ना का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. जब पत्नी की शिकायत पर कोर्ट ने पति को भरण पोषण के लिए 55 हजार रुपये देने का आदेश दिया तो पति 55 हजार रुपयों का सिक्का लेकर कोर्ट पहुंच गया. अब पत्नी ने कोर्ट से नोट की शक्ल में पैसे देने की गुहार लगाई है.

55 हजार रुपये के सिक्के लेकर कोर्ट पहुंच गया शख्स 55 हजार रुपये के सिक्के लेकर कोर्ट पहुंच गया शख्स
विशाल शर्मा
  • जयपुर,
  • 27 जून 2023,
  • अपडेटेड 6:35 PM IST

राजस्थान की राजधानी जयपुर में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. दहेज प्रताड़ना के एक केस में ट्रायल के दौरान पीड़ित महिला ने जज से अपने पति द्वारा भरण-पोषण के लिए पैसे दिलवाने की गुहार लगाई. इसके जवाब में पति भरण पोषण की तय राशि यानी की 55 हजार रुपयों का सिक्का लेकर कोर्ट पहुंच गया.

इसके बाद पीड़ित पत्नी ने एडीजे कोर्ट में प्रार्थना पत्र दायर करते हुए मांग रखी कि वह सिक्कों में राशि नहीं लेना चाहती है और पति उसे भरण-पोषण की रकम सिक्कों में दे रहे हैं. पत्नी ने कोर्ट में गुहार लगाई कि अगर उसे 55 हजार रुपये के नोट नहीं दिए जाते हैं तो पति को जेल की सजा मिले.

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2011 में हुई थी शादी

दरअसल, पत्नी सीमा कुमावत की शादी दशरथ कुमावत से साल 2011 में हुई थी. शादी के सात साल बाद पत्नी ने कोर्ट में पति के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज कराया था. इस मामले का कोर्ट में सुनवाई चल रही है. इसी दौरान कोर्ट ने पति को आदेश दिया था कि उसे पत्नी को भरण-पोषण के लिए गुजारा भत्ता देना होगा. पति पिछले 11 महीनों से इसकी भरपाई नहीं कर पाया था.

55 हजार रूपये के सिक्के लेकर कोर्ट पहुंचा पति

पत्नी ने मामले की शिकायत कि तो हरमाड़ा थाना पुलिस ने भरण पोषण की बकाया राशि मामले में पति को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया. कोर्ट में महिला का पति 55 हजार रूपये की राशि के सिक्के लेकर पहुंच गया जिसमें एक और दो रुपये के सिक्के थे. महिला का पति इन सिक्कों को दस बैगों में भरकर कोर्ट पहुंचा था.

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कोर्ट ने सिक्कों को सुरक्षित रखने के निर्देश दिए और 26 जून को सिक्कों की गिनती के लिए तारीख मुकर्रर की गई थी. लेकिन पत्नी ने राशि को सिक्कों में लेने के बजाय कैश (नोट) की डिमांड कर दी. अब इस मामले में अगली सुनवाई 5 जुलाई को होगी.

दोनों के वकील ने क्या कहा ?

कोर्ट में पत्नी सीमा कुमावत की ओर से मौजूद वकील राम प्रकाश कुमावत ने बताया कि 2011 सिक्का निर्माण अधिनियम के तहत एक हजार रुपये से ज्यादा मूल्य की रकम का सिक्कों के जरिए लेन-देन वैध नहीं है. इसलिए पति से भरण-पोषण की राशि सिक्कों की बजाय कागजी मुद्रा में हो. अगर ऐसा नहीं हुआ तो अदालत के आदेश की अवेहलना में पति को जेल भेजा जाए.

वहीं इस मुद्दे को लेकर पति दशरथ कुमावत के अधिवक्ता रमन गुप्ता ने कोर्ट को बताया कि अदालत के आदेशानुसार 55 हजार के सिक्कों को 1-1 हजार रुपए की थैलियों में लेकर आए हैं. वो सभी थैलियों की गिनती के लिए भी  तैयार हैं. 


 

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