महाराष्ट्र में अनंत चतुर्दशी (Anant chaturdashi 2020) बड़ी धूम-धाम से सेलिब्रेट की जाती है. लेकिन इस बार कोरोना वायरस के चलते गणपति महोत्सव पर खुलकर जश्न नहीं मनाया जा सका. सड़कों पर ना तो नगाड़ों की गूंज सुनाई दी और ना ही समुद्र के किनारों पर बप्पा की विशाल मूर्तियों के साथ जन सैलाब दिखा. सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए गणपति के भक्त उन्हें जोर-शोर से विदाई नहीं दे पाए.
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मुंबई में लोगों ने छोटे-छोटे आर्टिफिशियल तालाबों में भगवान गणेश (Ganesh murti visarjan) की मूर्ति का विसर्जन किया और उनसे कोरोना (Coronavirus) के इस संकट काल को समाप्त करने की प्रार्थना की.
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सकड़ों से विसर्जन के लिए गणपति (Ganpati) की मूर्ति ले जाते लोग मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते दिखे. जबकि अनंत चतुर्दशी पर हर साल लोगों की बड़ी भीड़ इकट्ठा होकर जश्न मनाया करती थी.
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लालबागचा राजा (Lalbagcha raja) नाम से प्रसिद्ध गणेश पंडाल हर साल गणपति की सबसे बड़ी मूर्ति विसर्जित करता था. इस बार यहां गणपति उत्सव पर पहले जैसी धूम भी नहीं देखने को मिली.
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मुंबई की तरह नागपुर में भी अनंत चतुर्दशी पर ऐसा ही हाल देखने को मिला. यहां धार्मिक रीति-रिवाजों को पूरा करने के लिए लोगों ने भगवान गणेश की छोटी-छोटी मूर्तियों को आर्टिफिशियल तालाब में विसर्जित किया.
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असम में भी गणपति के भक्तों ने बिना किसी जोर-शोर के ब्रह्मपुत्र नदी में भगवान की प्रतिमा का विसर्जन किया. इस दौरान लोग मुंह पर मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए भी दिखे.
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देश की राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में भी भक्तों ने गणेश महोत्सव के 10वें दिन यमुना नदी में गणपति विसर्जन किया. कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन के नियमों को यहां काफी सख्ती से लिया गया है.
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नोएडा में तो कुछ लोगों ने सड़कों पर निकले बिना ही घर में किसी छोटे टब या बर्तन में भगवान गणेश की छोटी-छोटी मूर्तियों का विसर्जन किया.
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