छठ महापर्व का आज तीसरा दिन मनाया गया. आस्था में डूबे श्रद्धालुओं ने शाम को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया. कोरोना वायरस की वजह से इस बार घाटों पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए थे लेकिन लोगों के आस्था में किसी तरह की कमी नहीं देखी गई. घाटों पर इस महापर्व की रौनक देखने को मिली.
पटना, भोपाल, कोलकाता, अगरतला, गुवाहाटी और जबलपुर जैसी कई जगहों पर छठ महापर्व की धूम देखने को मिली.
दिल्ली-एनसीआर में भी महिलाओं ने डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर छठ का महापर्व मनाया. कोरोना की वजह से व्रतियों ने छठ घाटों पर जाने से परहेज किया और घर की छतों पर ही अर्घ्य दिया.
सूर्य को अर्घ्य देने के बाद और छठी मइया की पूजा के बाद महिलाओं ने एक दूसरे को सिंदूर लगाया.कई महिलाओं ने नियमों को ध्यान में रखते हुए मास्क लगाकर छठी मइया की पूजा की.
आमतौर पर छठ पूजा में घाटों पर पैर रखने की जगह नहीं होती है पर इस बार कोरोना की वजह से यहां इतनी भीड़ देखने को नहीं मिली.
प्रशासन की तरफ से कोरोना वायरस के चलते कड़े इंतजाम किए गए थे. घाट पर आने वाले हर व्यक्ति का तामपान चेक किया जा रहा था और हर किसी से मास्क लगाने की अपील की जा रही थी.
सूर्य देव को अर्घ्य देते समय भी लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा और पूरी श्रद्धा से सूर्य देव को अर्घ्य दिया.
सूर्य को अर्घ्य दिए बिना छठ की पूजा पूरी नहीं मानी जाती है. महिलाएं अर्घ्य देने के बाद एक-दूसरे को सिंदूर लगाती है.
लोग घाटों पर बनाए नियमों का पालन करते दिखे. नदी में उतर कर सूर्य देव को अर्घ्य देते समय महिलाओं ने एक निश्चित दूरी बना रखी थी.
घाटों पर श्रद्धालु फल, ठेकुए और पूजा सामग्री से सजा सूप लेकर पहुंचे और छठी मइया की पूजा की. आज डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया गया है और कल सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा.
बिहार की राजधानी पटना में बीएमपी तालाब में छठ पूजा का आयोजन किया गया. कोरोना काल में भी आस्था के महापर्व छठ को लेकर लोगों में गजब का उत्साह दिखा.
हालांकि पटना के घाटों पर छठ मनाने वालों की भारी भीड़ देखने को मिली. यहां सोशल डिस्टेंसिंग कहीं नजर नहीं आई और मास्क भी सिर्फ कुछ लोगों ने लगा रखे थे.
छठ पूजा में प्रसाद का बहुत महत्व होता है. ठेकुए और फलों से सजे सूप घाटों की खूबसूरती को बढ़ा रहे थे.