Advertisement

पर्व-त्यौहार

Nag Panchami 2021 date: नाग पंचमी कब है? जानें-क्यों इस राजा ने करना चाहा था सांपों का सफाया

aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 09 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 6:58 PM IST
  • 1/10

हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन मास की शुक्ल पंचमी तिथि को नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव के आभूषण नाग देवता की पूजा की जाती है. इस दिन नागों की पूजा करने से जीवन के संकट दूर होते हैं. इस बार नाग पंचमी का त्योहार 13 अगस्त शुक्रवार के दिन मनाया जाएगा.

photo credit- getty images

  • 2/10

माना जाता है कि इस दिन नागों की पूजा करने से और उन्हें दूध पिलाने से नाग देवता प्रसन्न होते हैं. इसके अलावा, इस दिन लोग अपने घर के द्वार पर नागों की आकृति भी बनाते हैं. हिंदू धर्म में सभी त्योहार और उनसे जुड़ी कथाओं का बारे में वर्णन किया गया है. ऐसी ही कुछ कथाएं नाग पंचमी से भी जुड़ी हुई हैं. आइए जानते हैं इन कथाओं के बारे में....

photo credit- getty images

  • 3/10

महाभारत की एक कथा- महाभारत के अनुसार, कुरु वंश के राजा परीक्षित के पुत्र जनमेजय ने अपने पिता की मृत्यु का बदला लेने के लिए एक अनुष्ठान करने का फैसला किया. चूंकि राजा परीक्षित की मृत्यु सर्प के काटने से हुई थी, इसलिए जनमेजय ने यज्ञ में सांपों की बलि चढ़ाने का निश्चय किया. दरअसल, उसका उद्देश्य सांपों के राजा तक्षक को फंसाना था, क्योंकि उसने ही जनमेजय के पिता को काटा था. इस प्रकार यज्ञ का नाम सर्प सत्र या सर्प यज्ञ रखा गया.

photo credit- getty images

 

Advertisement
  • 4/10

ये यज्ञ अत्यंत शक्तिशाली था. इस यज्ञ की शक्ति के कारण चारों ओर से सांपों को इसमें खींचा जाने लगा. हालांकि, तक्षक सर्प पाताल लोक में जाकर छिपने में कामयाब रहा. तब जनमेजय ने यज्ञ करने वाले ऋषियों से मंत्रों की शक्ति को बढ़ाने के लिए कहा, जिससे अग्नि का ताप बढ़ सके.

  • 5/10

दरअसल, मंत्रों की शक्ति ऐसी थी कि तक्षक को लगा कि वो आग की ओर खिंचा जा रहा है. तब इंद्र ने तक्षक के साथ यज्ञ स्थल पर जाने का निश्चय किया. इसके बाद, तक्षक के जीवन को बचाने के अंतिम प्रयास में, देवताओं ने सर्पों की देवी मनसा देवी का आह्वान किया. देवताओं की पुकार पर मनसा देवी ने अपने बेटे, अष्टिका को भेजा और जनमेजय से यज्ञ को रोकने की विनती करने के लिए कहा.

  • 6/10

जनमेजय को यज्ञ रोकने के लिए राजी करना कोई आसान काम नहीं था, लेकिन अष्टिका सर्प सत्र यज्ञ को रोकने में सक्षम रहे. इस प्रकार सांपों के राजा तक्षक का जीवन बच गया. ये नवी वर्धिनी पंचमी का दिन था. तभी से इस दिन को जीवित बचे सर्पों को श्रद्धांजलि देने रूप में नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाने लगा.

photo credit- getty images

 

Advertisement
  • 7/10

कृष्ण और कालिया- इसी तिथि से जुड़ी एक और कथा भगवान श्री कृष्ण के जीवन से जुड़ी है. एक बार श्री कृष्ण वृंदावन के चरवाहों के साथ खेल रहे थे. इस बीच उनका खिलौना यमुना नदी में गिर गया और समस्या ये थी कि नदी में कालिया सांप रहता था.

  • 8/10

खिलौना लेने के लिए जब कृष्ण नदी में गए तो कालिया सांप ने उन पर हमला किया और दोनों के बीच युद्ध हुआ. कृष्ण ने करारा जवाब देते हुए कालिया को युद्ध में पछाड़ दिया और कालिया सांप (जिसके कई सारे सिर थे) के सिर पर नृत्य करते हुए नदी से बाहर आए. कृष्ण ने कालिया सांप को इस शर्त पर जाने दिया कि वो वृंदावन में कभी वापस नहीं आएगा और यहां के लोगों को कभी परेशान नहीं करेगा. शास्त्रों के अनुसार, वो दिन भी पंचमी का दिन था.

  • 9/10

नाग पंचमी के दिन, भारत के सपेरे एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते हैं और अपनी टोली के साथ सांपों का प्रदर्शन करते हैं. इसके अलावा, ज्योतिष के अनुसार, नाग पंचमी के दिन काल सर्प दोष से भी मुक्ति पाई जा सकती है. अगर किसी की कुंडली में काल सर्प दोष है तो नाग पंचमी के दिन उपाय करने से व्यक्ति को इस दोष से मुक्ति मिल सकती है.

Advertisement
  • 10/10

प्राचीन ग्रंथों के अनुसार, नाग देवता, सांपों के राजा पंचमी तिथि के शासक हैं. इसलिए नाग पंचमी पर नाग देवता की पूजा करने से और उन्हें दूध पिलाने से अध्यात्म की प्राप्ति होती है, जीवन में सफलता मिलती है और धन लाभ के योग बनते हैं.

photo credit- getty images

Advertisement
Advertisement