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Akhuratha Sankashti Chaturthi 2022: आज है अखुरथ संकष्टी चतुर्थी, जानें शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व

Akhuratha Sankashti Chaturthi 2022: अखुरथ संकष्टी चतुर्थी 11 दिसंबर यानी आज मनाई जा रही है. इस दिन व्यक्ति अपने दुःखों से छुटकारा पाने के लिए गणपति की अराधना करता है. पुराणों के अनुसार, अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के दिन गौरी पुत्र गणेश की पूजा करना बहुत फलदायी होता है. इस दिन लोग सूर्योदय के समय से लेकर चन्द्रमा उदय होने के समय तक उपवास रखते हैं. संकष्टी चतुर्थी को पूरे विधि-विधान से गणपति की पूजा-पाठ की जाती है.

अखुरथ संकष्टी चतुर्थी अखुरथ संकष्टी चतुर्थी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 11 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 8:51 AM IST

Akhuratha Sankashti Chaturthi 2022: संकष्टी चतुर्थी हिन्दू धर्म का एक प्रसिद्ध त्यौहार है. हिन्दू मान्यताओं के अनुसार किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है. भगवान गणेश को अन्य सभी देवी-देवताओं में प्रथम पूजनीय माना जाता है. इन्हें बुद्धि, बल और विवेक का देवता का दर्जा प्राप्त है. भगवान गणेश अपने भक्तों की सभी परेशानियों और विघ्नों को हर लेते हैं इसीलिए इन्हें विघ्नहर्ता भी कहा जाता है. इस बार अखुरथ संकष्टी चतुर्थी 11 दिसंबर 2022 यानी आज मनाई जा रही है. आइए जानते हैं कि अखुरथ संकष्टी चतुर्थी व्रत का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि के बारे में.  

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अखुरथ संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त (Akhuratha Sankashti Chaturthi 2022 Shubh Muhurat)

हिंदू पंचांग के अनुसार, पौष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 11 दिसंबर 2022 यानी आज शाम 4 बजकर 14 मिनट से शुरू होगी. इसका समापन 12 दिसंबर 2022 को शाम 6 बजकर 48 मिनट पर होगा.  बता दें कि चतुर्थी तिथि के दिन चंद्र देव की पूजा-अर्चना की जाती है. मान्यता है कि अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्र देव को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत का पारण किया जाता है.

अखुरथ संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि  (Akhuratha Sankashti Chaturthi 2022 Pujan Vidhi)

अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्‍नान कर लें और फिर सबसे पहले सूर्य देव को जल चढ़ाएं.  एक चौकी या घर के पूजा मंदिर में ही लाल वस्त्र बिछाकर कलश स्थापना करें. भगवान गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर स्थापना करें, और उन्हें जल अर्पित कर हल्दी-कुमकुम का तिलक करें और पीले वस्त्र अर्पित करें. गणपति जी को पीले फूल बेहद प्रिय हैं. इसलिए उन्हें पीले फूलों की माला और दूर्वा भी अर्पित करें. भगवान गणेश को पूजा में एक मोदक और मिठाइयों का भोग अर्पित करें. गणेश वंदना से शुरुआत कर अपनी पूजा शुरू करें और आरती के साथ संपन्न करें. शाम के समय फिर से गणेश जी की पूजा करें और चन्द्रमा को अर्घ्य दें.

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अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के दिन भूलकर न करें ये काम (Akhuratha Sankashti Chaturthi 2022 Dos and Donts)

1. अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के दिन गलती से भगवान गणेश की पूजा में तुलसी के पत्ते का इस्तेमाल न करें. ऐसा करना अशुभ माना जाता है.

2. अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के दिन पशु पक्षियों को परेशान नहीं करना चाहिए. बल्कि कोशिश करें इस दिन पशु-पक्षियों को भोजन-पानी दें. 

3. भगवान गणेश की पूजा करते समय दिन भर अपना व्यवहार अच्छा रखें. किसी का अपमान न करें और न ही झूठ बोलें. इससे आपको गणेश की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है. 

4. अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के दिन ब्राह्मणों को भोजन कराना शुभ माना जाता है और ध्यान रखें आज के दिन गलती से भी बुजुर्गों व ब्राह्मणों का अपमान न करें. 

5. वैसे तो किसी भी पूजा या व्रत में मांस-मदिरा का सेवन करना निषेध होता है. लेकिन संकष्टी चतुर्थी के दिन इसका विशेष ध्यान रखें और घर पर सात्विक भोजन ही बनाएं

अखुरथ संकष्टी चतुर्थी का महत्व (Akhuratha Sankashti Chaturthi 2022 Importance)

संकष्टी के दिन गणपति की पूजा करने से घर से नकारात्मक प्रभाव दूर होते हैं और शांति बनी रहती है. ऐसा कहा जाता है कि गणेश जी घर में आ रही सारी विपदाओं को दूर करते हैं और व्यक्ति की मनोकामनाओं को पूरा करते हैं. चन्द्र दर्शन भी चतुर्थी के दिन बहुत शुभ माना जाता है. सूर्योदय से प्रारम्भ होने वाला यह व्रत चंद्र दर्शन के बाद संपन्न होता है. पूरे साल में संकष्टी चतुर्थी के 13 व्रत रखे जाते हैं. 

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