
Bhai Dooj 2021: दीपावली के बाद कार्तिक शुक्ल द्वितिया को भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है. इसे यमद्वितिया भी कहते हैं. इस दिन बहनें अपने भाई का तिलक करती हैं और उसकी लंबी उम्र की कामना करती हैं. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, जो भाई इस दिन बहन के घर जाकर भोजन ग्रहण करता है और तिलक करवाता है, उसकी अकाल मृत्यु नहीं होती है. भाई दूज की पूजा थाली को विशेष महत्व दिया जाता है. इस थाली में कुछ चीजें मुख्य रूप से रखी जाती हैं. जिनके बिना ये थाली अधूरी मानी जाती है. बताते हैं कि कैसे तैयार करें भाई दूज की पूजा थाली.
ये चीजें होनी चाहिए थाली में
भाई दूज पर भाई की आरती उतारते वक्त बहन की थाली में सिंदूर, फूल, चावल के दाने, सुपारी, पान का पत्ता, चांदी का सिक्का, नारियल, फूल माला, मिठाई, कलावा, दूब घास और केला जरूर होना चाहिए. इन सभी चीजों के बिना भाई दूज का त्योहार अधूरा माना जाता है.
बहनें न करें ये गलतियां
1. भाई दूज पर बहनों को भाई के तिलक किए बिना कुछ भी ग्रहण नहीं करना चाहिए.
2. इस दिन बहनें शुभ मुहूर्त का ध्यान रखें, राहु काल में भाई दूज करने से बचना चाहिए.
3. इस दिन आपस में लड़ाई-झगड़े ना करें
4. भाई से मिले किसी भी उपहार का अनादर ना करें.
5. तिलक करते समय काले रंग का वस्त्र ना पहनें.
इस तरह तैयार करें पूजा की थाली तैयार
1. भाई दूज पर पूजा की थाली तैयार करने से पहले एक नई थाली लें और उस पर गंगाजल डालकर उसे पवित्र कर लें.
2. इसके बाद इस थाली को गेंदे और गुलाब के फूलों से सजाएं.
3. भाई का तिलक करने से पहले आटें से एक चौक बनाएं और उसके ऊपर चौकी रखकर उस पर भाई को बैठाकर उसका तिलक करें.
4.थाली को फूलों से सजाने के बाद इसमें रोली रखें. रोली से बहने भाई का तिलक करके उसकी उसे सभी प्रकार के संकटो से बचाने के लिए प्रार्थना करती हैं.
5.इसके बाद इस थाली में अक्षत रखें अक्षत रखते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि कोई भी चावल टूटा हुआ न हो। अक्षत का अर्थ होता है जो अधूरा न हो. इसलिए तिलक करने बाद अक्षत जरूर लगाएं.
6.अक्षत रखने के बाद थाली में सूखा नारियल रखें. भाई को तिलक करने के बाद उसे सूखा नारियल देना शुभ माना जाता है.
7. इसके बाद थाली में मिठाई रखें और भाई को तिलक करने के बाद उसे मीठा अवश्य खिलाएं. यदि आप घर में मिठाई बनाकर अपने भाई का मुंह मीठा कराएं तो ज्यादा शुभ है.
8. थाली में मिठाई रखने के बाद भाई दूज की पूजा की पूजा की थाली में घी का दीपक अवश्य रखें और भाई को तिलक करने के बाद उसकी आरती अवश्य उतारें.