
चैत्र नवरात्रि का आज तीसरा दिन है. नवरात्र का तीसरा दिन मां चंद्रघंटा (Maa Chandraghanta) को समर्पित होता है. माता के माथे पर चमकते हुए चंद्रमा के कारण ही उनका यह नाम पड़ा. मां चंद्रघंटा को देवी पार्वती का रौद्र रूप माना जाता है. मां चंद्रघंटा शेरनी की सवारी करती हैं. माता का शरीर सोने के समान चमकता है. उनकी 10 भुजाएं है. उनकी चार भुजाओं में त्रिशूल, गदा, तलवार,और कमंडल है वहीं, पांचवा हाथ वर मुद्रा में है. जबकि, मां की अन्य भुजाओं में कमल, तीर, धनुष और जप माला हैं और पांचवा हाथ अभय मुद्रा में है. इनके दसों हाथों में अस्त्र-शस्त्र हैं और इनकी मुद्रा युद्ध की है.
मां चंद्रघंटा पूजा विधि (Maa Chandraghanta Puja Vidhi)
- मां चंद्रघंटा की पूजा करते समय लाल रंग के कपड़े पहनें.
- मां को लाल रंग के फूल, रक्त चंदन और लाल चुनरी चढाएं.
- मां चंद्रघंटा को चमेली का फूल अति प्रिय है. ऐसे में पूजा में चमेली का फूल मां को अर्पित करें.
- मां को दूध से बनी हुई मिठाई का भोग लगाएं.
- मां की आरती करें और दुर्गा चालीसा का पाठ करें.
मां चंद्रघंटा की आरती (Maa Chandraghanta Arti)
जय माँ चन्द्रघण्टा सुख धाम. पूर्ण कीजो मेरे काम॥
चन्द्र समाज तू शीतल दाती. चन्द्र तेज किरणों में समाती॥
मन की मालक मन भाती हो. चन्द्रघण्टा तुम वर दाती हो॥
सुन्दर भाव को लाने वाली. हर संकट में बचाने वाली॥
हर बुधवार को तुझे ध्याये. श्रद्दा सहित तो विनय सुनाए॥
मूर्ति चन्द्र आकार बनाए. शीश झुका कहे मन की बाता॥
पूर्ण आस करो जगत दाता. कांचीपुर स्थान तुम्हारा॥
कर्नाटिका में मान तुम्हारा. नाम तेरा रटू महारानी॥
भक्त की रक्षा करो भवानी.
मां चंद्रघंटा मंत्र (Maa Chandraghanta Mantra)
ॐ देवी चन्द्रघण्टायै नमः॥
मां चंद्रघंटा स्तुति (Maa Chandraghanta Stuti)
या देवी सर्वभूतेषु माँ चन्द्रघण्टा रूपेण संस्थिता. नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
इन्हें जरूर करनी चाहिए मां चंद्रघंटा की पूजा
कहा जाता है कि मां चंद्रघंटा की उपासना से भय दूर होता है और कुंडली का मंगल मजबूत हो जाता है.मां के इस रूप की पूजा उन लोगों को करनी चाहिए, जिनका मंगल कमजोर होता है. कहा जाता है कि देवी के तीसरे रूप की उपासना से सभी तरह की बाधाएं खत्म होती हैं.