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Navratri & Dussehra 2021: आ रही नवरात्रि, कब है दशहरा का त्योहार? जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Dussehra 2021 Date: हिंदू पचांग के अनुसार, दीवाली से ठीक 20 दिन पहले आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी (Vijay dashmi 2021) तिथि को दशहरा मनाया जाता है. पुरूषोत्तम भगवान राम ने इसी दिन रावण का वध किया था. कुछ लोग इस त्योहार को आयुध पूजा (शस्त्र पूजा) के रूप में भी मनाते हैं. दशहरा का त्योहार इस साल (Dussehra 2021 Kab Hai) 15 अक्टूबर शुक्रवार के दिन मनाया जाएगा.

Dussehra 2021 Dussehra 2021
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 27 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 1:42 PM IST
  • जानें दशहरा की सही तिथि
  • पूजन का विजय मुहूर्त शुभ
  • साल का सबसे पवित्र दिन दशहरा

दशहरा (Dussehra 2021 Date) को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है. हिंदू पचांग के अनुसार, दीवाली से ठीक 20 दिन पहले आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी (Vijay dashmi 2021) तिथि को दशहरा मनाया जाता है. पुरूषोत्तम भगवान राम ने इसी दिन रावण का वध किया था. कुछ लोग इस त्योहार को आयुध पूजा (शस्त्र पूजा) के रूप में भी मनाते हैं. दशहरे का दिन साल के सबसे पवित्र दिनों में से एक माना होता है. किसी भी नई काम की शुरुआत के लिए ये दिन उत्तम होता है. 

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कब है दशहरा (Dussehra Date)- नवरात्रि की शुरुआत 7 अक्टूबर को होगी और महानवमी (Maha Navami 2021) 14 अक्टूबर को होगी. नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. इसके अगले दिन दशहरा मनाया जाता है. दशहरा का त्योहार इस साल (Dussehra 2021 Date) 15 अक्टूबर शुक्रवार के दिन मनाया जाएगा. इस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का संहार भी किया था, इसलिए भी इसे विजय दशमी (Vijaya Dashami 2021) के रूप में भी मनाया जाता है. 

विजय दशमी का शुभ मुहूर्त (Vijaya Dashami 2021 Shubh Muhurt)- 15 अक्टूबर को विजय दशमी के दिन दोपहर 2 बजकर 1 मिनट से 2 बजकर 47 मिनट तक विजय मुहूर्त है. इस मुहूर्त की कुल अवधि सिर्फ 46 मिनट की है. वहीं अपराह्न पूजा का समय दोपहर 1 बजकर 15 मिनट से लेकर 3 बजकर 33 मिनट तक है.

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दशहरा की शस्त्र पूजन की विधि (Dussehra Puja Vidhi)- इस दिन  विजय मुहूर्त में पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है. मान्यता है कि भगवान श्रीराम ने रावण को हराने के लिए इसी मुहुर्त में युद्ध का प्रारंभ किया था.  क्षत्रिय एंव योद्धा इस दिन अपने शस्त्रों की पूजा करते हैं. प्रात: काल उठकर परिवार के सभी सदस्यों को स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए. सभी शस्त्रों को पूजा के लिए निकाल कर साफ कर लें. इन पर गंगाजल छिड़कर पवित्र करें. सभी शस्त्रों पर हल्दी या कुमकुम का तिलकतिलक लगाकर पुष्प अर्पित करें. इस दिन महिषासुर मर्दिनी मां दुर्गा और भगवान राम की पूजा करनी चाहिए. इससे सम्पूर्ण बाधाओं का नाश होगा और जीवन में विजय श्री प्राप्त होगी. नवग्रहों को नियंत्रित करने के लिए भी दशहरे की पूजा अद्भुत मानी जाती है. 

 

 

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