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Falgun Amavasya 2021: फाल्गुन अमावस्या आज, जानें इसका महत्व और शुभ मुहूर्त

फाल्गुन अमावस्या महाशिवरात्रि के पर्व के बाद आता है. हिंदू धर्म में आस्था रखने वालों के लिए फाल्गुनी अमावस्या का अपना विशेष महत्व है. इस दिन लोग अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए दान, तर्पण और श्राद्ध करते हैं.

Falgun Amavasya 2021: फाल्गुन अमावस्या आज, जानें इसका महत्व और शुभ मुहूर्त Falgun Amavasya 2021: फाल्गुन अमावस्या आज, जानें इसका महत्व और शुभ मुहूर्त
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 13 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 7:55 AM IST
  • फाल्गुनी अमावस्या का अपना विशेष महत्व है
  • फाल्गुन अमावस्या महाशिवरात्रि के बाद आती है

फाल्गुन मास में आने वाली अमावस्या को फाल्गुन अमावस्या कहते हैं. यह हिंदू वर्ष की अंतिम अमावस्या भी होती है. फाल्गुन अमावस्या महाशिवरात्रि के पर्व के बाद आती है. हिंदू धर्म में आस्था रखने वालों के लिए फाल्गुनी अमावस्या का अपना विशेष महत्व है. इस दिन लोग अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए दान, तर्पण और श्राद्ध करते हैं. इस बार फाल्गुन अमावस्या 13 मार्च को पड़ रही है. इस दिन धार्मिक तीर्थ स्थलों पर स्नान करना बहुत ही शुभ माना जाता है.

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फाल्गुन अमावस्या का महत्व
मान्यता है कि मृत्यु के बाद आत्माएं पितृ लोक पहुंचती हैं. यह आत्माओं का अस्थायी निवास होता है और जब तक उनके भाग्य का अंतिम फैसला नहीं होता उन्हें वहीं रहना पड़ता है. इस दौरान उन्हें बहुत पीड़ा सहनी पड़ती है, क्योंकि वे स्वयं कुछ भी ग्रहण करने में समर्थ नहीं होते हैं.

अमावस्या के दिन इन आत्माओं के वंशज, सगे-संबंधी या कोई परिचित उनके लिए श्राद्ध, दान और तर्पण करके उन्हें आत्मशांति दिला सकते हैं. पितरों की शांति के लिए किए जाने वाले दान, तर्पण, श्राद्ध आदि के लिए यह दिन बहुत ही भाग्यशाली माना जाता है.

फाल्गुन अमावस्या मुहूर्त 
अमावस्या तिथि 12 मार्च को दोपहर 03 बजकर 02 मिनट से प्रारंभ होकर 13 मार्च को दोपहर 03 बजकर 50 मिनट पर समाप्त होगी.

फाल्गुन अमावस्या पर सूर्य देव की उपासना
कुंडली में लग्न और आरोग्यता का कारक सूर्य को मानते हैं. सूर्य की विधि विधान से पूजा करके हम बीमारियों से मुक्ति पा सकते हैं. फाल्गुन अमावस्या पर रविवार का उपवास रखें और इस दिन नमक का सेवन न करें. रोज सुबह के समय सूर्य चालीसा का पाठ करें. भगवान सूर्य के 12 नामों का जाप सुबह के समय घी का दीपक जलाकर करें. अगर पित्र दोष ज्यादा ही समस्या दे रहा हो तो लाल मीठी चीजों का दान करें.

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