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Holi Bhai Dooj 2024: होली भाई दूज आज, इस शुभ मुहूर्त में करें भाई के माथे पर तिलक

Holi Bhai Dooj 2024: होली भाई दूज पर भाई को तिलक करने के दो शुभ मुहूर्त रहेंगे. पहला मुहूर्त सुबह 10 बजकर 54 मिनट से दोपहर 12 बजकर 27 मिनट तक रहेगा. फिर दूसरा मुहूर्त दोपहर 3 बजकर 31 मिनट से शाम 5 बजकर 4 मिनट तक रहेगा.

होली के बाद चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को भी भाई दूज मनाया जाता है. इसे भ्राता द्वितीय के नाम से भी जाना जाता है. होली के बाद चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को भी भाई दूज मनाया जाता है. इसे भ्राता द्वितीय के नाम से भी जाना जाता है.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 27 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 6:00 AM IST

Holi Bhai Dooj 2024: भाई और बहन के प्यारभरे रिश्ते का प्रतीक भाई दूज का त्योहार साल में दो बार मनाया जाता है. दिवाली के बाद कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज मनाया जाता है. इसके अलावा, होली के बाद चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को भी भाई दूज मनाने की परंपरा है. इसे भ्राता द्वितीय के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन बहनें अपने भाई के माथे पर सौभाग्य का तिलक करती हैं. उसका स्वागत, सत्कार करती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं.

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तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त
इस बार होली भाई दूज पर भाई को तिलक करने के दो शुभ मुहूर्त रहेंगे. पहला मुहूर्त सुबह 10 बजकर 54 मिनट से दोपहर 12 बजकर 27 मिनट तक रहेगा. फिर दूसरा मुहूर्त दोपहर 3 बजकर 31 मिनट से शाम 5 बजकर 4 मिनट तक रहेगा.

कैसे मनाएं भाई दूज का त्योहार?
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, होली भाई दूज दिन भाई प्रातः काल चन्द्रमा का दर्शन करें. इसके बाद यमुना के जल से स्नान करें. अपनी बहन के घर जाएं और वहां बहन के हाथों से बना हुआ भोजन ग्रहण करें. बहनें भाई को भोजन कराएं. उनका तिलक करके आरती करें. फिर भाई सामर्थ्य के अनुसार अपनी बहन को उपहार दें.

कैसे करें भाई का तिलक?
भाई को तिलक करने से पहले पूजा की थाली तैयार करें. इसमें एक दीप जलाकर रख लें. शुद्ध केसर की कम से कम 27 पत्तियां रखें. उसमें शुद्ध लाल चंदन और गंगाजल मिलाएं. साफ चांदी की कटोरी या पीतल की कटोरी में यह तिलक तैयार करें. अपने भाई को तिलक करने से पहले यह कटोरी भगवान विष्णु के श्री चरणों में रखें. ॐ नमो नारायणाय मंत्र का 27 बार जाप करें. अब यह तिलक सबसे पहले भगवान गणपति और विष्णु जी को करें.

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इसके बाद भाई को एक चौकी पर बैठाएं. यह तिलक अपने भाई को उत्तर पूर्व दिशा की ओर मुंह करके तिलक करें. अब बहन अपने भाई को मिठाई खिलाएं और भाई भी अपनी बहन का मुंह मीठा कराएं. ऐसा करने से भाई-बहन का स्नेह हमेशा के लिए बना रहेगा. तिलक के बाद भाई की आरती उतारें और मन ही मन उसके भाग्योदय व लंबी उम्र की कामना करें.

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