क्या है हरियाली अमावस्या का महत्व?

श्रावण कृष्ण अमावस्या को हरियाली अमावस्या के रूप में मनाया जाता है. यह त्योहर सावन का उत्साह मनाने का पर्व है और इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को प्रकृति के करीब लाना है.

Advertisement
हरियाली अमावस्या हरियाली अमावस्या

वन्‍दना यादव

  • नई दिल्ली,
  • 02 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 12:25 PM IST

हरियाली अमावस्या का त्योहार सावन में मनाया जाता है और इस मौके पर पौधे लगाना शुभ माना जाता है. कुछ स्थानों पर इस दिन पीपल के वृक्ष की पूजा कर उसके फेरे लगाने और मालपुए का भोग लगाने की परंपरा है.

हरियाली अमावस्या का महत्व
ऐसी भी मान्यता है कि इस दिन हर व्यक्ति को एक पौधा अवश्य रोपना चाहिए. धार्मिक मान्यता अनुसार वृक्षों में देवताओं का वास बताया गया है. शास्त्र अनुसार पीपल के वृक्ष में त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु व शिव का वास होता है.
इसी प्रकार आंवले के पेड़ में लक्ष्मीनारायण के विराजमान की परिकल्पना की गई है. इसके पीछे वृक्षों को संरक्षित रखने की भावना निहित है.
पर्यावरण को शुद्ध बनाए रखने के लिए ही हरियाली अमावस्या के दिन वृक्षारोपण करने की प्रथा बनी. इस दिन कई शहरों व गांवों में हरियाली अमावस्या के मेलों का आयोजन किया जाता है. इसमें सभी वर्ग के लोगों के साथ युवा भी शामिल हो उत्सव व आनंद से पर्व मनाते हैं. गुड़ और गेहूं की धानी का प्रसाद दिया जाता है.

Advertisement

इन पौधों को लगाना होता है शुभ
हरियाली अमावस्या के पावन अवसर पर आप पौधे लगाकर अपने भाग्य को चमकाने और घर में सुख-शांति प्राप्त कर सकते है...
1. लक्ष्मी प्राप्ति के लिए: तुलसी, आँवला, केल, बिल्वपत्र का वृक्ष लगाएं.

2. सौभाग्य प्राप्ति के लिए: अशोक, अर्जुन, नारियल, बरगद (वट) का वृक्ष लगाएं.

3. संतान प्राप्ति के लिए: पीपल, नीम, बिल्व, नागकेशर, गुड़हल, अश्वगन्धा को लगाएं.

4. मेधा वृद्धि प्राप्ति के लिए: आंकड़ा, शंखपुष्पी, पलाश, ब्राह्मी, तुलसी लगाएं.

5. सुख प्राप्ति के लिए: नीम, कदम्ब, धनी छायादार वृक्ष लगाएं.

6. आनन्द प्राप्ति के लिए: हरसिंगार (पारिजात) रातरानी, मोगरा, गुलाब लगाएं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement