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Janmashtami 2022 Date: जन्माष्टमी 18 को या 19 अगस्त को? श्रीकृष्ण पूजा के लिए 44 मिनट रहेगा शुभ मुहूर्त, ना करें मिस

Janmashtami 2022 Date: जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण की पूजा करने से संतान प्राप्ति, दीर्घायु और समृद्धि का वरदान प्राप्त किया जा सकता है. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाकर हर मनोकामना पूरी की जा सकती है. ज्योतिष शास्त्र के जानकारों का कहना है कि इस साल जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण की पूजा के लिए 44 मिनट का विशेष मुहूर्त बन रहा है.

Janmashtami 2022: जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण पूजा के 44 मिनट खास, मध्यरात्रि में ऐसे करें कन्हैया की पूजा (Photo: Getty Images) Janmashtami 2022: जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण पूजा के 44 मिनट खास, मध्यरात्रि में ऐसे करें कन्हैया की पूजा (Photo: Getty Images)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 17 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 4:27 PM IST

Janmashtami 2022 Kab Hai: भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. इस दिन श्रीकृष्ण की पूजा करने से संतान प्राप्ति, दीर्घायु और समृद्धि का वरदान प्राप्त किया जा सकता है. श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाकर हर मनोकामना पूरी की जा सकती है. ज्योतिष शास्त्र के जानकारों का कहना है कि इस साल जन्माष्टमी पर श्री कृष्ण की पूजा के लिए 44 मिनट का विशेष मुहूर्त बन रहा है. इस मध्यरात्रि मुहूर्त में श्री कृष्ण की पूजा, उपासना करने से आपके जीवन की सारी दिक्कतें दूर हो सकती हैं.

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इस साल भाद्रपद माह की अष्टमी तिथि 18 अगस्त को रात 09 बजकर 20 मिनट पर आरम्भ होगी और 19 अगस्त को रात 10 बजकर 59 मिनट तक रहेगी. लेकिन जन्माष्टमी का पर्व 18 अगस्त को ही मनाया जाएगा. चूंकि श्री कृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि की मध्य रात्रि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था, इसलिए जन्माष्टमी पर मध्यरात्रि की पूजा सबसे अधिक फलदायी मानी जाती है. इस साल मध्यरात्रि में भगवान शिव की पूजा के लिए एक शुभ मुहूर्त बन रहा है. रात में भगवान की पूजा करने के बाद उन्हें चढ़ाए गए भोग से आप व्रत खोल सकते हैं.

इस शुभ काल में करें श्री कृष्ण की पूजा (Shri Krishna Janmashtami 2022 Nishith Kaal)
इस साल जन्माष्टमी पर रात 12 बजकर 03 मिनट से लेकर रात 12 बजकर 47 मिनट तक नीशीथ काल रहेगा. यानी भगवान श्री कृष्ण की मध्यरात्रि पूजा के लिए 44 मिनट का शुभ मुहूर्त रहेगा. इस दौरान आप कन्हैया का सोलह श्रृंगार करके विधिवत पूजा कर सकते हैं. पूजा के दौरान आप भगवान श्री कृष्ण को पंचामृत या पंजीरी का भोग भी लगा सकते हैं. इसी प्रसाद से रात को व्रत भी खोला जाता है. भगवान को भोग लगाने के बाद आप इसे लोगों में वितरित कर सकते हैं.

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जन्माष्टमी पर शुभ मुहूर्त (Janmashtami 2022 Shubh Muhurt)
अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12 बजकर 05 मिनट से दोपहर 12 बजकर 56 मिनट तक
अमृत काल- शाम 06 बजकर 28 मिनट से रात 08 बजकर 10 मिनट तक
धुव्र योग- रात 08 बजकर 41 मिनट से 19 अगस्त रात 08 बजकर 59 मिनट तक

कैसे मनाएं जन्माष्टमी? (Janmashatami 2022 Pujan Vidhi And Niyam)
जन्माष्टमी पर सुबह स्नान करके व्रत या पूजा का संकल्प लें. जलाहार या फलाहार के साथ भी यह उपवास किया जा सकता है. मध्यरात्रि को भगवान कृष्ण की धातु की प्रतिमा को किसी पात्र में रखें. प्रतिमा को दूध, दही, शहद, शक्कर और अंत में घी से स्नान कराएं. इसे पंचामृत कहा जाता है. इसके बाद कान्हा को जल से स्नान कराएं. भगवान को फल और फूल अर्पित करें. अर्पित की जाने वाली चीजें शंख में डालकर ही अर्पित करें. काले या सफेद वस्त्र धारण करके पूजा ना करें.

 

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