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इस करवाचौथ बन रहा है महासंयोग, इन 10 नियमों का जरूर रखें ध्यान

चंद्रमा की पूजा करके महिलाएं वैवाहिक जीवन में सुख, शांति और पति की लम्बी आयु की कामना करती हैं. करवा चौथ की पूजा बहुत ही नियम और सावधानी से की जाती है.

करवाचौथ व्रत के नियम और सावधानियां करवाचौथ व्रत के नियम और सावधानियां
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 16 अक्टूबर 2019,
  • अपडेटेड 1:47 PM IST

करवाचौथ का व्रत महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं. इस दिन महिलाएं चंद्रमा की पूजा करके अपने वैवाहिक जीवन में सुख और शांति की कामना करती हैं. 17 अक्टूबर को करवाचौथ का त्योहार मनाया जाएगा.

करवा चौथ का व्रत कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन मूल रूप से भगवान गणेश, मां गौरी और चंद्रमा की उपासना होती है. चंद्रमा को आमतौर पर आयु, सुख और शांति का कारक माना जाता है. इसलिए चंद्रमा की पूजा करके महिलाएं वैवाहिक जीवन मैं सुख, शांति और पति की लम्बी आयु की कामना करती हैं.

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करवा चौथ की पूजा बहुत ही नियम और सावधानी से की जाती है. आइए जानते हैं इनके बारे में.

करवाचौथ व्रत के नियम और सावधानियां

- केवल सुहागिनें या जिनका रिश्ता तय हो गया हो वही स्त्रियां ये व्रत रख सकती हैं

- ये व्रत निर्जल या केवल जल ग्रहण करके ही रखना चाहिए

- व्रत रखने वाली कोई भी महिला काला या सफेद वस्त्र कतई न पहनें

- इस व्रत के लिए लाल वस्त्र सबसे उत्तम माना गया है, पीला वस्त्र भी पहना जा सकता है

- आज के दिन महिलाओं को पूरे 16 श्रृंगार करने चाहिए.

- अगर कोई महिला अस्वस्थ है तो उसकी जगह उसके पति ये व्रत कर सकते हैं.

- व्रत की कथा पूरे मन से सुनें और इस दौरान किसी दूसरे से बातें न करें

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- चांद देखने के बाद मां गौरी की पूजा करें और भगवान को पूरी-हलवा के प्रसाद का भोग लगाएं.

- पूरे नियम से ये पर्व मनाने से महिलाओं का सौंदर्य भी बढ़ता है

- करवाचौथ के दिन पति के साथ भूलकर भी लड़ाई न करें.

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