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Krishna Janmashtami Bhog: जन्माष्टमी पर क्यों लगाते हैं 56 भोग? जानें इसके पीछे की कहानी

भगवान कृष्ण ने अष्टमी के दिन ही मथुरा में जन्म लिया था इसलिए हर साल भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को ये त्योहार मनाया जाता है. इस दिन भक्त उपवास रखते हैं और रात में कान्हा के जन्म के बाद पूजा में 56 भोग का प्रसाद (Bhog for janmashtami) लगाते हैं.

कान्हा के पसंदीदा छप्पन भोग कान्हा के पसंदीदा छप्पन भोग
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 30 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 4:51 PM IST
  • आज मनाई जा रही है जन्माष्टमी
  • आज के दिन 56 भोग का खास महत्व
  • जानें 56 भोग के पकवान के बारे में

देशभर में कृष्ण जन्माष्टमी (Janmashtami 2021) का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है. भगवान कृष्ण ने अष्टमी के दिन ही मथुरा में जन्म लिया था इसलिए हर साल भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को ये त्योहार मनाया जाता है. इस दिन भक्त उपवास रखते हैं और रात में कान्हा के जन्म के बाद पूजा में 56 भोग का प्रसाद (Bhog for janmashtami) लगाते हैं. आइए जानते हैं इस 56 भोग में कौन-कौन से पकवान आते हैं (56 bhog list)और इसकी परंपरा कैसे शुरू हुई.

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जन्माष्टमी पर 56 भोग की पौराणिक कथा (Janmashtami bhog katha)- श्रीमद्भागवत महापुराण के अनुसार एक बार कृष्ण के प्रेम में डूबी गोपिकाओं ने ब्रम्ह मुहूर्त में स्नान किया. ये सभी गोपियां श्री कृष्ण को अपने वर के रूप में देखना चाहती थी. इस स्नान के बाद सभी गोपियों ने मां कात्यायनी से वर के रूप श्री कृष्ण को प्राप्त करने की इच्छा जताई. गोपिकाओं ने मां कात्यायनी को उद्दापन में कृष्ण के पसंदीदा छप्पन तरह के आहार चढ़ाए. बस इसी के बाद से छप्पन भोग अस्तित्व में आया.

छप्पन भोग के पकवान (56 bhog for janmashtami)- भगवान कृष्ण को लगने वाले छप्पन भोग में उनके पसंद के छप्पन आहार होते हैं जो उनको बहुत प्रिय हैं. भगवान कृष्ण को लगने वाले छप्पन भोग में (Janmashtami bhog list) भात, सूप, चटनी, कढ़ी, दही शाक की कढ़ी, सिखरन, शरबत, बालका, इक्षु, बटक, मठरी, फेनी, पूडी, खजला, घेवर, मालपुआ, चोला, जलेबी, मेसू, रसगुल्ला, पगी हुई, महारायता, थूली, लौंगपुरी, खुरमा, दलिया, परिखा, सौंफ युक्त बिलसारू, लड्डू, साग, अधौना अचार, मोठ, खीर, दही, मक्खन, मलाई, रबड़ी, पापड़, गाय का घी, सीरा, लस्सी, सुवत, मोहन, सुपारी, इलायची, फल, तांबूल, मोहन भोग, लवण, कषाय, मधुर, तिक्त, कटु और अम्ल शामिल हैं. 

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