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Mauni Amavasya 2021: मौनी अमावस्या के दिन करें ये उपाय, पितृदोष से मिलेगी मुक्ति

मौनी अमावस्या के दिन स्नान, दान और पुण्य करना बहुत शुभ माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन तिल या उससे बनी वस्तुओं का दान करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है. मौनी अमावस्या पर पितरों के लिए सारे काम मौन रह कर किए जाते हैं. इस दिन कुछ खास उपायों से पितृदोष भी शांत किया जा सकता है.

मौनी अमावस्या के दिन पितृ दोष से मुक्ति पाई जा सकती है मौनी अमावस्या के दिन पितृ दोष से मुक्ति पाई जा सकती है
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 10 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 9:23 AM IST
  • आज मनाई जा रही है मौनी अमावस्या
  • पितृदोष से मुक्ति के लिए करें उपाय
  • इस दिन स्नान-दान का खास महत्व

आज मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya 2021) मनाई जा रही है. इस दिन पितृ पूजन का खास महत्व होता है. मौनी अमावस्या के दिन स्नान, दान और पुण्य करना बहुत शुभ माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन तिल या उससे बनी वस्तुओं का दान करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है. मौनी अमावस्या पर पितरों के लिए सारे काम मौन रह कर किए जाते हैं. इस दिन कुछ खास उपायों से पितृदोष भी शांत किया जा सकता है. मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त 10 फरवरी की रात 01 बजकर 10 मिनट से 11 फरवरी की रात 12 बजकर 27 मिनट तक है.

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मौनी अमावस्या के दिन ऐसे करें पितृ पूजन 

पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए इस दिन पितरों का ध्यान करते हुए सूर्य देव को जल अर्पित करें. पितृ दोष निवारण के लिए लोटे में जल लें और इसमें लाल फूल और सा काले तिल डालें.  इसके बाद अपने पितरों की शांति की प्रार्थना करते हुए सूर्य देव को ये जल अर्पित करें. पीपल के पेड़ पर सफेद रंग की कोई मिठाई चढ़ाएं और उस पेड़ की 108 बार परिक्रमा करें. मौनी अमावस्या के दिन किसी जरूरतमंद व्यक्ति को तिल के लड्डू, तिल का तेल, आंवला, कंबल और वस्त्र जैसी चीजें जरूर दान करें. ऐसा करने से आपको पुण्य मिलेगा.

वास्तु के अनुसार ऐसे करें पितृ दोष निवारण

घर की दक्षिण दिशा की तरफ सफेद वस्त्र पर थोड़े से तिल रख लें. उसके ऊपर पीतल या तांबे का एक पित्र यंत्र स्थापित करें. अब इसके बाईं तरफ पितरों के लिए तिल के तेल का दीपक जला लें. जल से भरा एक स्टील का लोटा केंद्र में रखें. इसके ऊपर स्टील की प्लेट और उस पर तिल लगी रोटी रखें. अब इसके ऊपर तुलसी का पत्ता रखें. एक सफेद फूल चढ़ाएं और चंदन से तिलक करें. इस रोटी के चार भाग कर एक टुकड़ा कुत्ते को खिलाएं, दूसरा टुकड़ा गाय को खिलाएं, तीसरा टुकड़ा कोवै को खिलाएं और चौथा टुकड़ा पीपल के पेड़ के नीचे रखें. ध्यान रखें कि ये सारा काम आपको मौन रह कर ही करना है.

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