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Navratri 2020: लहसुन-प्याज की तरह ये 5 चीजें भी नहीं होती सात्विक, ना करें गलती

आहार से ही हमारी कोशिकाओं का निर्माण होता है. फिर उन्हीं कोशिकाओं से हमारे शरीर में रस का क्षरण होता है. रस (हार्मोन) से हमारी सोच में विकास और परिवर्तन आता है.

लहसुन-प्याज की तरह ये 5 चीजें भी नहीं होती सात्विक लहसुन-प्याज की तरह ये 5 चीजें भी नहीं होती सात्विक
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 07 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 12:27 PM IST
  • अगर आप बहुत ज्यादा भावुक हैं तो मीठी चीजें खाएं
  • अगर तनाव रहता है तो दूध से बनी चीजों का सेवन करें

जीव की मुख्य रूप से चार आवश्यकताएं हैं- आहार, निद्रा, भय और मैथुन. इनमे सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है आहार. आहार से निर्माण और विकास की प्रक्रिया पूरी होती है. आप भले ही खाद्य पदार्थों से आहार न लें, लेकिन कहीं न कहीं से आपको उर्जा लेनी ही होगी. बिना उर्जा के जीवन की लंबे समय तक कल्पना नहीं की जा सकती. नवरात्रि (Navratri 2020) के समय में व्रत रखने वाले लोग सात्विक भोजन का ही सेवन करते हैं. इस बार नवरात्रि 17 अक्टूबर से शुरू हो रहे हैं.
 
आहार कैसे हमारे व्यवहार पर असर डालता है?
शरीर के मानसिक स्तर का निर्माण विभिन्न कोशों से होता है. इनमें एक कोष अन्नमय कोष भी है. इस कोष की शुद्धि के बिना आप मन की शुद्धि तक नहीं जा सकते. आहार से ही हमारी कोशिकाओं का निर्माण होता है. फिर उन्हीं कोशिकाओं से हमारे शरीर में रस का क्षरण होता है. रस (हार्मोन) से हमारी सोच में विकास और परिवर्तन आता है. जिस तरह का आहार हम ग्रहण करते हैं, उसी तरह का व्यवहार और विचार हमारे अन्दर उत्पन्न होता है.

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किन चीजों को हम सात्विक आहार नहीं कह सकते?
- प्याज, लहसुन
- सरसों का साग, मशरूम
- मांस, मछली, मादक पदार्थ
- डिब्बा बंद खाद्य पदार्थ   
- बासी खाना
 
क्या है सात्विक आहार?
- सभी प्रकार की अनाजें और दाल
- दूध और इससे निर्मित पदार्थ
- सभी प्रकार की सब्जियां
- फल और मेवे  

किस प्रकार के स्वभाव के लिए किस तरह का आहार?
अगर आप बहुत ज्यादा भावुक हैं तो गुड और मीठी चीजें खाएं, रोटी खाएं, बासी खाने से बचें. अगर आप बहुत ज्यादा क्रोधी हों तो प्याज, लहसुन और मांस मछली से परहेज करें. अगर आपको तनाव रहता है तो दूध और दूध से बनी चीजों का सेवन करें. मशरूम और कंद न खाएं. अगर आप शरीर से परेशान हैं तो ज्यादा से ज्यादा सब्जियां खाएं, अनाज कम खाएं. अगर आप बुरे विचारों से परेशान हैं तो मांस, मछली, प्याज, लहसुन न खाएं, मसूर की दाल खाने से भी परहेज करें.

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नवरात्रि में क्यों करते हैं सात्विक भोजन?
सात्विक शब्द 'सत्व' शब्द से बना है. इसका अर्थ होता है, शुद्ध, प्राकृतिक और ऊर्जावान. सात्विक भोजन शरीर को शुद्ध कर मन को शांति प्रदान करता है. इसमें शुद्ध शाकाहारी सब्जियों, फलों, सेंधा नमक, धनिया,  काली मिर्च जैसे मसालों का इस्तेमाल होता है. नवरात्रि के दौरान लोग सात्विक खाना खाते हैं. इसके पीछे धार्मिक मान्यताओं के साथ-साथ कुछ वैज्ञानिक कारण भी हैं. नवरात्रि का त्योहार अक्टूबर-नवंबर महीने में आता है. मौसम के अचानक बदलने से हमारे खान-पान का शरीर पर बुरा असर पड़ता है. ऐसे में सात्विक भोजन को सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है.

 

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