
Paryushan Parv 2024: दिगंबर जैन समाज का महापर्व पर्युषण पर्व 31 अगस्त 2024 से हो चुका है, जो 8 सितंबर तक चलने वाला है. श्री जैन श्वेतांबर धर्मावलंबियों का आठ दिवसीय महापर्व पर्युषण 31 अगस्त से शुरू हो चुका है. लेकिन स्थानकवासियों के लिए पर्युषण पर्व 1 सितंबर यानी आज से प्रारंभ हो रहा है. जैन धर्म के इस त्योहार को पर्वों का राजा कहा जाता है. यह पर्व भगवान महावीर स्वामी के मूल सिद्धांत 'अहिंसा परमो धर्म, जिओ और जीने दो' की राह पर चलना सिखाता है और मोक्ष के द्वार खोलता है.
दिगंबर जैन समाज के लोग पयुर्षण के त्योहार को दशलक्षण पर्व भी कहते हैं. इस महापर्व में पूरे 10 दिन का उपवास रखा जाता है. इसमें उपासक दस दिन तक अपने व्यवहार और कर्मों को ध्यान में रखकर कार्य करता है. उपवास के प्रत्येक दिन के लिए अलग-अलग नियम और कर्म निर्धारित किए गए हैं.
पहले दिन- पहले दिन कोशिश की जाती है कि इंसान अपन अंदर क्रोध का भाव न पैदा होने दे. अगर ऐसा भाव मन में आए भी तो उसे विनम्रता से शांत कर दे.
दूसरे दिन- अपने व्यवहार में मिठास और शुद्धता लाने का प्रयास किया जाता है. इस दौरान आप मन में किसी के लिए घृणा नहीं रख सकते.
तीसरे दिन- इस दिन आप जो सोच लेतें है उस पर अमल करके उसे सफल अंजाम देना आवश्यक है. यानी आपने जो कहा है उसे पूर्ण करना जरूरी है.
चौथे दिन- इस दिन कोशिश की जाती है कि आप कम बोलें, लेकिन अच्छा बोलें, सच बोलें.
पांचवें दिन- मन में किसी भी तरह का लालच नहीं रख सकते. किसी तरह का स्वार्थ आपके मन में नहीं होना चाहिए.
छठे दिन- छठे दिन मन पर काबू रखते हुए संयम से काम लेना जरूरी होता है.
सातवें दिन- मलीन वृत्तियों को दूर करने के लिए जो बल चाहिए, उसके लिए तपस्या करना.
आठवें दिन- पात्र को ज्ञान, अभय, आहार, औषधि आदि सद्वस्तु देना.
नौवें दिन- किसी भी वस्तु आदि के लिए मन में स्वार्थ न रखना.
दसवें दिन- सद्गुणों का अभ्यास करना और अपने को पवित्र रखना.