Advertisement

राखी पर बन रहा है अद्भुत संयोग, भाई की लंबी उम्र के लिए इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा

हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है. इस साल यह त्योहार 15 अगस्त को मनाया जाएगा. यह त्योहार भाई-बहन के अटूट प्यार और एक-दूसरे की रक्षा करने के संकल्प के साथ मनाया जाता है. अपने भाई के लिए लंबी उम्र की कामना करने वाली बहनों के लिए इस साल रक्षाबंधन का त्योहार कई मायनों में खास रहने वाला है.

प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 08 अगस्त 2019,
  • अपडेटेड 11:51 AM IST

हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है. हिंदूओं के लिए इस त्योहार का विशेष महत्व है. इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई में रक्षासूत्र बांधकर उसकी लंबी उम्र और सुख की कामना ईश्वर से करती हैं तो वहीं भाई अपनी बहन को उसकी रक्षा का वचन देता है.

इस साल यह त्योहार 15 अगस्त को मनाया जाएगा. यह त्योहार भाई-बहन के अटूट प्यार और एक-दूसरे की रक्षा करने के संकल्प के साथ मनाया जाता है. अपने भाई के लिए लंबी उम्र की कामना करने वाली बहनों के लिेए इस साल रक्षाबंधन का त्योहार कई मायनों में खास रहने वाला है.

Advertisement

रक्षाबंधन का त्योहार गुरुवार के दिन पड़ने से इसका धार्मिक महत्व और बढ़ गया है. ज्योतिषियों के अनुसार कई साल बाद इस राखी पर ऐसा अद्भुत संयोग बन रहा है. जिसमें इस दिन भद्रा या कोई ग्रहण नहीं लग रहा है. जिसकी वजह से इस साल भाई और बहन दोनों के लिए रक्षाबंधन बेहद शुभ संयोग लेकर आया है.

मान्यता है कि भद्रा काल में बहनों का अपने भाई को राखी बांधना शुभ नहीं होता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, रावण की बहन ने भद्रा काल में ही अपने भाई को रक्षा सूत्र बांधा था, जिसकी वजह से रावण का सर्वनाश हुआ था. इस बार बहनें सूर्यास्त से पहले किसी भी समय में भाइयों की कलाई पर राखी बांध सकती हैं.

रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त-

रक्षा बंधन तिथि - 15 अगस्त 2019, गुरुवार

Advertisement

पूर्णिमा तिथि आरंभ 14 अगस्त -15:45

पूर्णिमा तिथि समाप्त 15 अगस्त- 17:58

भद्रा समाप्त- सूर्योदय से पहले

गुरुवार के दिन रक्षाबंधन बना अद्भुत संयोग-

हर साल अटूट प्यार और रक्षा का संकल्प लिए रक्षाबंधन का पर्व बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस साल राखी का त्योहार गुरुवार के दिन पड़ने से इसका महत्व काफी बढ़ गया है. दरअसल गुरुवार का दिन गुरु बृहस्पति को समर्पित माना जाता है.

राखी पर बन रहे हैं कई शुभ संयोग-

ज्‍योतिषियों के अनुसार इस रक्षाबंधन पर कई शुभ योग और संयोग बनने वाले हैं. सबसे पहले रक्षा बंधन के 4 दिन पहले ही गुरु वृश्चिक राशि में मार्गी होकर सीधी चाल चलने लगेंगे. जो कि राखी की दृष्टि से बेहद शुभ माना जा रहा है. इसके अलावा इस बार रक्षाबंधन पर नक्षत्र श्रवण, सौभाग्‍य योग,बव करण, सूर्य राशि कर्क और चंद्रमा मकर में रहने वाले हैं. ये सभी शुभ संयोग मिलकर इस बार रक्षाबंधन को बेहद खास बनाने वाले हैं.

पौराणिक मान्यता-

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार एक बार देवताओं और असुरों के बीच युद्ध छिड़ गया था. इस युद्ध में देवताओं के राजा इंद्र ने भी भाग लिया था. जिसकी वजह से राजा इंद्र की पत्नी इंद्राणी श्रावण पूर्णिमा के दिन देवताओं की रक्षा की लिए गुरु बृहस्पति के पास गईं. जिस पर देवताओं की विजय के लिए गुरु ने उन्हें रक्षाबंधन बांधने का सुझाव दिया था परिणामस्वरूप राजा इंद्र को विजय प्राप्त हुई.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement