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Ramadan 2022: भारत में आज 15 घंटे का रोजा, जानें प्रमुख शहरों में सहरी और इफ्तार का समय

Ramzan 2022 Sehri Iftar Timing In India: रमजान का पवित्र महीना शुरू ही होने वाला है. पूरे महीने में लोग अल्लाह की इबादत करते हैं और रोजा रखते हैं. रमजान को इस्लामी कैलेंडर का नौवां महीना माना जाता है. इस पूरे महीने मुसलमान सूर्योदय के बाद और सूर्यास्त के पहले अन्न पानी ग्रहण नहीं करते.

Ramadan 2022: रमजान 2 अप्रैल से शुरू, जानें देश के प्रमुख शहरों में सहरी और इफ्तार का समय (Photo Credit: Pixabay) Ramadan 2022: रमजान 2 अप्रैल से शुरू, जानें देश के प्रमुख शहरों में सहरी और इफ्तार का समय (Photo Credit: Pixabay)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 03 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 9:15 AM IST
  • रमजान का महीना कई बार 29 दिन का होता है तो कई बार 30 दिन का
  • रमजान का महीना चांद के दिखाई देने पर निर्भर करता है

Ramzan 2022 Sehri Iftar Timing In India: रमजान को मुस्लिम समुदाय का सबसे पवित्र महीना माना जाता है. दुनियाभर के मुसलमानों को रमजान का पूरे साल इंतजार रहता है. रमजान का महीना चांद के दिखाई देने पर निर्भर करता है. रमजान कई बार 29 दिन का होता है तो कई बार 30 दिन का होता है. रमजान का चांद सबसे पहले सऊदी अरब और कुछ पश्चिमी देशों में दिखाई देता है जिसके एक दिन बाद भारत समेत बाकी देशों में देखा जाता है. भारत में आज पहला रोजा है और यह करीब 15 घंटे का होगा. आइए इसी कड़ी में जानते हैं कि देश के प्रमुख शहरों में इस बार सहरी और इफ्तार का समय क्या रहेगा.

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क्या है रमजान का मुख्य उद्देश्य  (Main Purpose Of Ramadan)

रमजान के महीने का मुख्य उद्देश्य आध्यात्मिक रूप से विकसित होना और अल्लाह और उनके प्रियजनों के करीब होना है. इस पूरे महीने में मुस्लिन समुदाय के लोग रोजा रखते हैं और गलत आदतों से दूर रहते हैं. रमजान को एकता और अधात्मिकता का समय माना जाता है. इस दौरान लोग अल्लाह की इबादत करते हैं. 

रमजान के दौरान क्यों रखा जाता है रोजा (Why Do Muslims Fast During Ramadan)

रमजान के दौरान रोजा रखना काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. रोजा का मतलब होता है खुद पर नियंत्रण रखना. इस दौरान मुस्लिम लोग खुद को अल्लाह को समर्पित करते हैं. मुस्लिम समुदाय में सभी के लिए रोज़ा रखना अनिवार्य होता है लेकिन बीमार, गर्भवती महिला, दूध पिलाने वाली मां, पीरियड्स के दौरान महिलाओं को रोजा ना रखने की अनुमति होती है. साथ ही अगर आप यात्रा कर रहे हैं तो भी आपको रोजा ना रखने की छूट होती है. रमजान के दौरान सूरज उगने से पहले खाना खाया जाता है जिसे सहरी कहते हैं फिर शाम में सूरज ढलने के बाद रोजा खोला जाता है इसे इफ्तार कहा जाता है. 

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रमजान के दौरान रोजा रखने के नियम  (Ramadan Fasting Rules)

- रमजान के दौरान सुबह सूरज उगने से पहले खाना खाया जाता है ताकि आपको पूरे दिन भूख ना लगे. इसके बाद सूरज ढलने के बाद रोज़ा खोला जाता है.

- रमजान के दौरान रोजादार के लिए पांच वक्त की नमाज पढ़ना जरूरी माना जाता है. 

- रमजान के दौरान सूरज उगने के बाद और सूरज ढलने से पहले ना कुछ खाया जाता है और ना ही पिया जाता है.

- रमजान के दौरान शादीशुदा लोगों को दिन के समय शारीरिक संबंध बनाने की मनाही होती है. 


रमजान के पहले दिन शहरों में क्या रहेगा सहरी और इफ्तार का समय (Major Cities Sehri And Iftar Timings)

हैदराबाद- सुबह 04 बजकर 58 मिनट पर (सहरी), शाम 06 बजकर 45 मिनट पर (इफ्तार)

दिल्ली- सुबह 04 बजकर 48 मिनट पर (सहरी), शाम 06 बजकर 43 मिनट पर (इफ्तार)

पटना- सुबह 04 बजकर 21 मिनट पर (सहरी), शाम 06 बजकर 08 मिनट पर (इफ्तार)

लखनऊ- सुबह 04 बजकर 36 मिनट पर (सहरी), शाम 06 बजकर 26 मिनट पर (इफ्तार)

मुंबई- सुबह 05 बजकर 18 मिनट पर (सहरी), शाम 06 बजकर 53 मिनट पर (इफ्तार)

कोलकाता- सुबह 04 बजकर 13 मिनट पर (सहरी), शाम 05 बजकर 52 मिनट (इफ्तार)

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कानपुर- सुबह 04 बजकर 41 मिनट पर (सहरी), शाम 06 बजकर 26 मिनट पर  (इफ्तार)

 

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