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Ramadan 2023: सऊदी अरब में आज देखा जाएगा चांद, जानिए भारत में कब है पहला रोजा

इस्लाम का पवित्र महीना रमजान शुरू होने जा रहा है. रमजान का महीना पूरा होने के बाद दुनियाभर में ईद का त्योहार मनाया जाएगा. फिलहाल भारत में पहला रोजा गुरुवार 23 मार्च को है या शुक्रवार 24 मार्च को, इस बात पर घर-घर में चर्चा चल रही है. आइए जानते हैं भारत में कब है पहला रोजा.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 21 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 7:26 PM IST

इस्लाम का पवित्र महीना रमजान शुरू होने जा रहा है. रमजान के बाद ईद का त्योहार मनाया जाएगा. रमजान में मुस्लिम लोग रोजा (व्रत) रखते हैं, जिसे कई सावधानियों के साथ शाम में इफ्तार के समय रोजा खोल लिया जाता है. दुनिया में सेंटर ऑफ इस्लाम कहे जाने वाले सऊदी अरब में आज यानी बुधवार 22 मार्च को चांद देखा जाएगा. अगर सऊदी में बुधवार को चांद दिखा तो वहां गुरुवार को पहला रोजा होगा. 

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वैश्विक समय की वजह से सऊदी अरब, यूएई और अन्य खाड़ी देश भारत के मुकाबले एक दिन आगे चलते हैं. सऊदी में रोजे की शुरुआत के एक दिन बाद ही भारत में रमजान का महीना शुरू होता है. ऐसे में अगर सऊदी अरब में गुरुवार का पहला रोजा हुआ तो भारत में शुक्रवार को पहला रोजा रखा जाएगा. 

मुस्लिमों के लिए फिर शुरू हो जाएगा सेहरी-इफ्तार का दौर

रमजान माह में रोजा रखने के लिए सुबह सूर्य उगने से पहले सेहरी की जाती है. सेहरी में दूध, फलों या अन्न से बनी चीजों का सेवन किया जा सकता है. सेहरी के बाद एक दुआ पढ़ी जाती है, जिसके बाद से रोजा शुरू हो जाता है. रोजा शुरू होने के बाद सूर्य ढलने तक इंसान को एक बूंद पानी की भी इजाजत नहीं होती है. शाम में समय मगरिब की नमाज से ठीक पहले इफ्तार यानी रोजा खोलने का समय होता है. 

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इफ्तार में भी फल, दूध से लेकर अन्न की बनी चीजों का सेवन किया जा सकता है. शाम में रोजा खोलने के बाद अगली सुबह सेहरी तक ही सिर्फ खाने-पीने के लिए समय होता है. हालांकि, अगर कोई आपातकाल स्थिति है तो रोजा बीच में तोड़ा जा सकता है.  

क्यों खास है माह-ए-रमजान?  
रमजान को मुस्लिमों का सबसे पवित्र महीना बताया गया है. इस महीने रोजा रखने के साथ सच्चे दिल से अल्लाह की इबादत की जाती है और अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी मांगी जाती है. इसके साथ ही इस महीना दान का भी खास महत्व है. काफी संख्या में मुस्लिम लोग इस महीने गरीब और जरूरतमंदों को खुले दिन से दान करते हैं और उनसे अपने हक में दुआ करने के लिए कहते हैं. 

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