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ऋषि पंचमी आज, जानें क्या है इसका महत्व, ये दिव्य उपाय करने से मिटेंगे पाप

ऋषि पंचमी पर सभी स्त्री-पुरुष जाने-अनजाने में हुई गलती के लिए सप्त ऋषियों के लिए व्रत करके उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते है.

इस व्रत को करके घर मे सुख शांति समृद्धि बहुत आसानी से बढ़ जाती है. इस व्रत को करके घर मे सुख शांति समृद्धि बहुत आसानी से बढ़ जाती है.
सुमित कुमार/aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 03 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 8:32 AM IST

भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ऋषि पंचमी मनाई जाती है. ऋषि पंचमी पर अनजाने में हुई गलतियों के लिए क्षमा मांग कर व्रत विधान किया जाता है. ऋषि पंचमी पर सभी स्त्री-पुरुष जाने-अनजाने में हुई गलती के लिए सप्त ऋषियों के लिए व्रत करके उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते है. ऋषि पंचमी पर अपने पितरों के नाम से दान करके भी अपने रुके हुए कामों में सफलता मिल जाती है. इस व्रत को करके घर मे सुख शांति समृद्धि बहुत आसानी से बढ़ जाती है.

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ऋषि पंचमी पर कैसे करें व्रत विधान पूजा अर्चना ताकि शुभता मिले

- सूर्योदय से पहले उठकर स्‍नान कर लें और साफ हल्के पीले वस्‍त्र धारण करें

- अपने घर के मंदिर वाले स्थान को गंगाजल से शुद्ध करें  और वहां सुगंध की व्यवस्था करें

- एक लकड़ी के पटरे पर सप्त ऋषियों की फ़ोटो या विग्रह लगायें और उनके सामने जल भरकर कलश रखें

- सप्‍त ऋषि को धूप-दीपक दिखाकर पीले फल-फूल और मिठाई अर्पित करें

- अब सप्त ऋषियों से अपनी गलतियों के लिए क्षमा मांगे और दूसरों की मदद करने का संकल्प लें

- सभी लोगों को व्रत कथा सुनाने के बाद आरती करें और सभी को प्रसाद खिलायें

- अपने बड़े बुजुर्गों के चरण स्पर्श करके आशीर्वाद लें

दिव्य उपायों से खत्म होगी विद्या में आने वाली रुकावट

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- ऋषि पंचमी के दिन सुबह के समय जल्दी उठे स्नान करके  स्वच्छ वस्त्र धारण करें

- 11 साबुत छोटी हरी इलायची लें और उन्हें भगवान गणपति के सामने  एक प्लेट में रखें

- भगवान गणपति के सामने गाय के घी का दीया जलायें और पीले फल रखें

- अब लाल चंदन या रुद्राक्ष की माला से ॐ विद्या बुद्धि प्रदाये नमः  मंत्र का 108 बार जाप करें

- भगवान गणपति और सप्तर्षियों से अपनी गलतियों के लिए क्षमा मांग कर विद्या और बुद्धि का आशीर्वाद मांगे

- ऐसा करने से विद्या में आ रही रुकावट शीघ्र ही दूर होगी

ऋषि पंचमी पर पितरों के आशीर्वाद से होगी धन-धान्य की वृद्धि

- ऋषि पंचमी के दिन सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें

- घर के रसोईघर को साफ करके हो सके तो गाय के दूध की खीर बनाएं

- अपने घर के दक्षिण दिशा में पितरों की फोटो या तस्वीर रखें उनके सामने घी का दीपक जलाएं

-  5 अलग अलग पान के पत्तों पर थोड़ी खीर रखकर उस पर एक एक इलायची रखें

- ॐ श्री पितृ देवाय नमः मन्त्र का 27 बार जपें  जाप के बाद यह पांचों पान के पत्ते पीपल के वृक्ष की जड़ में अर्पण करें

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- पितरों के नाम से जरूरतमंद लोगों को भोजन अवश्य कराएं.

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