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Sakat Chauth 2023: कब है नए साल की सकट चौथ? जानें शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और उपाय

Sakat Chauth 2023: इस बार सकट चौथ का व्रत 10 जनवरी 2023 को रखा जाएगा. इस दिन भगवान गणेश और सकट माता की पूजा की जाती है. सकट चौथ को संकष्टी चतुर्थी, वक्रतुण्डी चतुर्थी, माही चौथ और तिल कुटा चौथ भी कहा जाता है. मान्यताओं के अनुसार, इस दिन अगर सभी माताएं अपनी संतान के लिए व्रत रखती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना भी करती हैं.

सकट चौथ 2023 सकट चौथ 2023
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 06 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 3:36 PM IST

Sakat Chauth 2023 kab hai: माघ मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि सकट चौथ के रूप में मनाई जाती है. इसे संकष्टी चतुर्थी, वक्रतुण्डी चतुर्थी, माही चौथ और तिल कुटा चौथ भी कहा जाता है. शास्त्रों में सकट चौथ पर मिट्टी से बने गौरी, गणेश, चंद्रमा की पूजा का विधान बताया गया है. साथ ही इस दिन सकट माता की पूजा भी की जाती है. शब्द सकट का अर्थ है संकट, इस दिन गणपति ने देवताओं का संकट दूर किया था. इस बार सकट चौथ 10 जनवरी 2023 को मनाई जाएगी. सकट चौथ के दिन माताएं अपनी संतान के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं. इस दिन प्रसाद में तिल कुटा बनाने का विधान बताया गया है इसलिए इसे तिला कुटा चौथ भी कहा जाता है. 

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सकट चौथ शुभ मुहूर्त (Sakat Chauth 2023 shubh muhurat)

हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ माह की सकट चौथ का व्रत 10 जनवरी 2023 को रखा जाएगा. सकट चौथ के शुभ मुहूर्त की शुरुआत 10 जनवरी को दोपहर में 12 बजकर 09 मिनट पर होगी और इसका समापन 11 जनवरी 2023 को दोपहर में 2 बजकर 31 मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार, सकट चौथ का व्रत 10 जनवरी को ही रखा जाएगा. यह व्रत रात को चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही खोला जाता है. इस दिन चंद्रोदय का समय शाम को 08 बजकर 41 मिनट पर होगा.

सकट चौथ पूजन विधि (Sakat Chauth 2023 Pujan Vidhi)

इस दिन सबसे पहले स्नान करने के बाद सूर्य को अर्घ्य देना है. इसके बाद गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें. उसके बाद गणेश जी को तिलक लगाएं, दुर्वा, जल, चावल, जनेऊ अर्पित करें. फिर गणेश जी को मोदक या लड्डू का भोग लगाएं. सकट चौथ के दिन भगवान गणेश को तिल से बनी हुई चीजों का भोग जरूर लगाना है. इसके बाद धूप और दीया जलाकर भगवान गणेश के मंत्रों का जप करें. साथ ही इस दिन सकट चौथ की कथा का जाप भी करना चाहिए. इस दिन गणेशजी के 12 नामों का उच्चारण भी करना चाहिए. शाम के समय भी इसी तरह गणेश जी की पूजा करनी चाहिए. चंद्रमा को अर्घ्य देते समय लोटे में तिल भी डालना है. इस दिन गाय की सेवा भी जरूर करनी चाहिए. शाम को चंद्र दर्शन के बाद व्रत का पारण करना है. 

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सकट चौथ के खास उपाय ((Sakat Chauth 2023 Upay)

1. आर्थिक तंगी

इस दिन भगवान गणेश की पूजा के साथ उन्हें घी और गुड़ का भोग लगाना है. पारण के बाद इसे प्रसाद के रूप में खाना है और घर के सभी सदस्यों को बांटना है. 

2. मेहनत या सफलता का फल

अगर आप काम में पूरी मेहनत करते हैं और उसका आपको फल प्राप्त नहीं होता है तो आपको श्री गणेश के मंत्रों का जाप करना है. जैसे - ऊं गं गणपतये नमः का 11 बार जाप करना है और उनके हर मंत्र के साथ पुष्प भी अर्पित करने हैं.  इसके बाद तिल और गुड़ के लड्डूओं का भोग लगाना चाहिए.

3. किसी बात से परेशान हैं

अगर आप किसी बात से परेशान हैं तो आपको एक पान के पत्ते पर हल्दी से स्वास्तिक बनाना है. उसके बाद उस पत्ते को भगवान गणेश को अर्पित करना है और उनसे प्रार्थना करनी है कि सभी कष्ट दूर हो जाएं. 

सकट चौथ का महत्व 

ऐसी मान्यता है कि जो माताएं सकट चौथ के दिन निर्जला व्रत रखती हैं और पूरी श्रद्धा से गणेश भगवान की पूजा करती हैं. उनकी संतान हमेशा निरोग रहती है. ये व्रत करने वालों पर गणपति भगवान की विशेष कृपा होती है. कहा जाता है कि इस दिन भगवान गणेश और चंद्रमा की पूजा करने से सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.

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सकट चौथ व्रत कथा (Sakat Chauth 2023 Vrat Katha)

इसी दिन भगवान गणेश अपने जीवन के सबसे बड़े संकट से निकलकर आए थे. इसीलिए इसे सकट चौथ कहा जाता है. एक बार मां पार्वती स्नान के लिए गईं तो उन्होंने दरबार पर गणेश को खड़ा कर दिया और किसी को अंदर नहीं आने देने के लिए कहा. जब भगवान शिव आए तो गणपति ने उन्हें अंदर आने से रोक दिया. भगवान शिव क्रोधित हो गए और उन्होंने अपने त्रिशूल से गणेश का सिर धड़ से अलग कर दिया. पुत्र का यह हाल देख मां पार्वती विलाप करने लगीं और अपने पुत्र को जीवित करने की हठ करने लगीं. 

जब मां पार्वती ने शिव से बहुत अनुरोध किया तो भगवान गणेश को हाथी का सिर लगाकर दूसरा जीवन दिया गया और गणेश गजानन कहलाए जाने लगे. इस दिन से भगवान गणपति को प्रथम पूज्य होने का गौरव भी हासिल हुआ. सकट चौथ के दिन ही भगवान गणेश को 33 करोड़ देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त हुआ. तभी से यह तिथि गणपति पूजन की तिथि बन गई. कहा जाता है कि इस दिन गणपति किसी को खाली हाथ नहीं जाने देते हैं.

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