
Sakat Chauth 2024: आज संकष्टी चतुर्थी है. माघ मास की चतुर्थी तिथि को संकष्ठी चतुर्थी कहा जाता है. इस तिथि को तिल चतुर्थी या माघी चतुर्थी भी कहा जाता है. इस दिन भगवान गणेश की और चन्द्र देव की उपासना करने का विधान है. जो कोई भी इस दिन श्री गणपति की उपासना करता है उसके जीवन के संकट टल जाते हैं. साथ ही संतान की प्राप्ति होती है और संतान सम्बन्धी समस्याएं भी दूर होती हैं.
सकट चौथ की तिथि
सकट चतुर्थी का व्रत माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है. इस बार सकट चौथ तिथि 29 जनवरी को सुबह 06 बजकर 10 मिनट से प्रारंभ होगी और 30 जनवरी को सुबह 08 बजकर 55 मिनट पर इसका समापन होगा. संकष्ठी चतुर्थी 29 जनवरी को मनाई जाएगी.
संकष्ठी चतुर्थी पर कैसे पाएं विशेष लाभ?
इस दिन भगवान गणेश की उपासना से हर तरह के संकट का नाश होता है. संतान प्राप्ति और संतान सम्बन्धी समस्याओं का निवारण होता है. अपयश और बदनामी के योग कट जाते हैं. हर तरह के कार्यों की बाधा दूर होती है. धन तथा कर्ज सम्बन्धी समस्याओं में सुधार होता है.
भगवान गणेश की पूजा विधि
संकष्टी व्रत का पूजा विधान इस दिन पूरा दिन का उपवास रखा जाता है. शाम की पूजा के बाद भोजन ग्रहण करते है. स्नान के बाद गणेश जी की पूजा आराधना करें. गणेश जी के मंत्रों का उच्चारण करें. पूरा दिन बिना पानी व खाने के उपवास रखा जाता है. शाम को चंद्रोदय के बाद पूजा की जाती है. शाम की पूजा के लिए गणेश जी की मिट्टी की मूर्ति बनाएं. गणेश जी के बगल दुर्गा जी की भी फोटो रखें इस दिन दुर्गा जी की पूजा बहुत जरूरी मानी जाती है.
भगवान गणेश का धूप, दीप, अगरबत्ती, फूल से पूजन करें प्रसाद में केला, नारियल रखें. साथ ही गणेश जी के प्रिय मोदक बनाकर रखें. इस दिन गुड़ और तिल के मोदक बनाए जाते है. गणेश जी कथा सुने, फिर आरती करके, प्राथना करें. इसके बाद चन्द्रमा की पूजा करें चंद्रमा को जल अर्पण करें. फूल, चन्दन चढ़ाएं. चन्द्रमा की दिशा में चावल चढ़ाएं. पूजा समाप्ति के बाद प्रसाद सबको वितरित किया जाता है. गरीबों को दान भी किया जाता है.
संतान प्राप्ति का उपाय
रात में चन्द्रमा को अर्घ्य दें. गणपति के सामने घी का दीपक जलाएं. गणपति को अपनी उम्र के बराबर तिल के लड्डू चढ़ाएं. गणपति के सामने बैठकर "ॐ नमो भगवते गजाननाय" का जाप करें. पति-पत्नी एक साथ ये प्रयोग करें तो ज्यादा अच्छा होगा.
संतान की उन्नति का उपाय
भगवान गणेश को संतान के हाथ से दूब और लड्डू अर्पित करवाएं. इसके बाद अपनी संतान से "ॐ गं गणपतये नमः" का जाप करवाएं. अपनी संतान के साथ बैठकर इस मंत्र का जाप करें. फिर प्रसाद का लड्डू संतान को खाने के लिए दें.
संतान की आयु रक्षा का उपाय
गणेश जी के सामने घी का चौमुखी दीपक जलाएं. गणेश जी को बेलपत्र चढ़ाएं और लड्डू का भोग लगाएं. गणेश जी के सामने बैठकर "वक्रतुण्डाय हुं" का 108 बार जाप करें. अगर संतान के साथ ये प्रयोग करें तो ज्यादा उत्तम होगा.
भगवान गणेश के चमत्कारी मंत्र
1. ॐ गं गणपतये नमः
2. गणपूज्यो वक्रतुण्ड एकदंष्ट्री त्रियम्बक:।
नीलग्रीवो लम्बोदरो विकटो विघ्रराजक :।।
धूम्रवर्णों भालचन्द्रो दशमस्तु विनायक:।
गणपर्तिहस्तिमुखो द्वादशारे यजेद्गणम।।
3. वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
4. त्रयीमयायाखिलबुद्धिदात्रे बुद्धिप्रदीपाय सुराधिपाय।
नित्याय सत्याय च नित्यबुद्धि नित्यं निरीहाय नमोस्तु नित्यम्।