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Shani Pradosh Vrat 2024: श्रावण माह का आखिरी प्रदोष व्रत आज, जानें कैसे करें भगवान शिव-शनिदेव की उपासना

Shani Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत भगवान शिव की उपासना के लिए सबसे मंगलकारी दिन माना जाता है. प्रदोष व्रत कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष दोनों तिथियों में ही रखा जाता है. इस बार प्रदोष व्रत 17 अगस्त यानी आज रखा जा रहा है. ये प्रदोष व्रत शनिवार के दिन पड़ रहा है इसलिए इसे आज शनि प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाएगा.

शनि प्रदोष व्रत 2024 शनि प्रदोष व्रत 2024
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 17 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 8:27 AM IST

Shani Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत भगवान शिव की उपासना के लिए सबसे शुभ और मंगलकारी दिन माना जाता है. हर महीने की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत रखने का विधान है. ये व्रत कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष दोनों में ही रखा जाता है. इस बार प्रदोष व्रत 17 अगस्त यानी आज रखा जा रहा है. ये प्रदोष व्रत शनिवार के दिन पड़ रहा है इसलिए इसे आज शनि प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाएगा. साथ ही इस दिन शिव जी के साथ-साथ शनिदेव की आराधना करने से सभी हर तरह की समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है. 

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शनि प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त (Shani Pradosh Vrat 2024 Shubh Muhurat)

श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 17 अगस्त यानी आज सुबह 8 बजकर 05 मिनट पर हो चुकी है और तिथि का समापन 18 अगस्त यानी कल सुबह 5 बजकर 51 मिनट पर होगा. शनि प्रदोष व्रत का पूजन शाम 6 बजकर 58 मिनट से रात 09 बजकर 09 मिनट तक होगा. उदयातिथि के अनुसार, सावन का आखिरी प्रदोष व्रत 17 अगस्त यानी आज ही मनाया जा रहा है. 

शनि प्रदोष व्रत पूजन विधि (Shani Pradosh Vrat Pujan Vidhi)

शिव मंदिरों में शाम के समय प्रदोष काल में शिव मंत्र का जाप करें. शनि प्रदोष के दिन सूर्य उदय होने से पहले उठें और स्नान करके साफ कपड़े पहनें. गंगा जल से पूजा स्थल को शुद्ध कर लें. बेलपत्र, अक्षत, दीप, धूप, गंगाजल आदि से भगवान शिव की पूजा करें. इसके बाद ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप करें और शिव को जल चढ़ाएं. शनि की आराधना के लिए सरसों के तेल का दीपक पीपल के पेड़ के नीचे जलाएं. एक दीपक शनिदेव के मंदिर में जलाएं. व्रत का उद्यापन त्रयोदशी तिथि पर ही करें.

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शनि प्रदोष व्रत के लाभ (Shani Pradosh Vrat upay) 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, त्रयोदशी का व्रत करने से कई प्रकार के शुभ फल प्राप्त होते हैं. इस व्रत को करने से मानसिक परेशानी और चंद्र दोषों से मुक्ति मिलती है और नौकरी में पदोन्नति, दीर्घायु, शनि की कृपा मिलती है. साथ ही भगवान शिव अपने भक्तों को मनोकामना पूर्ति प्रदान करते हैं.

शनि प्रदोष व्रत का महत्व (Shani Pradosh Vrat Significance)

पुराणों के अनुसार, इस व्रत को करने से लम्बी आयु का वरदान मिलता है. हालांकि, प्रदोष व्रत भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विशेष माना जाता है, लेकिन शनि प्रदोष का व्रत करने वालों को भगवान शिव के साथ ही शनि की भी विशेष कृपा प्राप्त होती है. इसलिए इस दिन भगवान शिव के साथ ही शनिदेव की पूजा अर्चना भी करनी चाहिए. मान्यता है कि ये व्रत रखने वाले जातकों के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और मृत्यु के बाद उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है.

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