
Sharad Purnima 2021: आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहते हैं. ज्योतिष के अनुसार इस रात चंद्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है. चंद्रमा से निकलने वाली किरणें अमृत समान मानी जाती हैं. तभी कहावत ये भी है कि शरद पूर्णिमा की रात आसमान से अमृत बरसता है. इस साल शरद पूर्णिमा का व्रत 20 अक्टूबर 2021 दिन बुधवार को रखा जाएगा. शरद पूर्णिमा पर मंदिरों में विशेष पूजा का आयोजन होता है. शरद पूर्णिमा का दिन मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए खास माना जाता है. कहते हैं इस रात मां लक्ष्मी भ्रमण पर निकलती हैं. इस रात चंद्रमा पृथ्वी के सबसे करीब होता है, इसलिए चांद की रोशनी पृथ्वी को अपने आगोश में ले लेती है.
शरद पूर्णिमा पर क्या करें ?
शरद पूर्णिका के दिन सुबह उठकर व्रत का संकल्प लें और पवित्र नदी, जलाश्य या कुंड में स्नान करें. इसके बाद आराध्य देव को सुंदर वस्त्र, आभूषण पहनाएं. आवाहन, आसन, आचमन, वस्त्र, गंध, अक्षत, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य, तांबूल, सुपारी और दक्षिणा आदि अर्पित कर पूजन करें. रात्रि के समय गाय के दूध से बनी खीर में घी और चीनी मिलाकर आधी रात के समय भगवान को भोग लगाएं. रात्रि में चंद्रमा के आकाश के मध्य में स्थित होने पर चंद्र देव का पूजन करें तथा खीर का नेवैद्य अर्पण करें. रात को खीर से भरा बर्तन चांद की रोशनी में रखकर दूसरे दिन उसे ग्रहण करें और सबको प्रसाद के रूप में वितरित करें.
शरद पूर्णिमा की तिथि और शुभ मुहूर्त (Sharad Purnima Tithi And Shubh Muhurat)
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ- 19 अक्टूबर 2021 को शाम 07 बजे से
पूर्णिमा तिथि समाप्त- 20 अक्टूबर 2021 को रात 08 बजकर 20 मिनट पर
शरद पूर्णिमा पर क्या सावधानियां बरतें
इस दिन पूर्ण रूप से जल और फल ग्रहण करके उपवास रखने का प्रयास करें. उपवास रखें या न रखें लेकिन इस दिन सात्विक आहार ही ग्रहण करें तो ज्यादा बेहतर होगा. शरीर के शुद्ध और खाली रहने से आप ज्यादा बेहतर तरीके से अमृत की प्राप्ति कर पाएंगे. इस दिन काले रंग का प्रयोग न करें. चमकदार सफेद रंग के वस्त्र धारण करें तो ज्यादा अच्छा होगा.