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Navratri 2021: 7 अक्टूबर से शुरू होगी नवरात्रि, जानें कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त और विधि

shardiya navratri 2021 date: नवरात्रि में घटस्थापना अथवा कलश स्थापना का विशेष महत्व होता है. ये नवरात्रि का पहला दिन होता है. प्रतिपदा तिथि को शुभ मुहुर्त में पूरे विधि-विधान के साथ घट स्थापना की जाती है. आइए जानते हैं कि कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त (Navratri Kalash Sthapna Shubh Muhurat) क्या है.

नवरात्रि के पहले दिन की जाती है कलश स्थापना नवरात्रि के पहले दिन की जाती है कलश स्थापना
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 04 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 12:39 PM IST
  • 7 अक्टूबर से शुरू होगी नवरात्रि
  • जानें कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
  • कलश स्थापना की सही विधि

Navratri 2021: 7 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि की शुरूआत हो जाएगी. 9 दिनों तक चलने वाले इस त्योहार में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है. नवरात्रि में घटस्थापना अथवा कलश स्थापना का विशेष महत्व होता है. ये नवरात्रि का पहला दिन होता है. प्रतिपदा तिथि को शुभ मुहुर्त में पूरे विधि-विधान के साथ  घट स्थापना की जाती है. आइए जानते हैं कि कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त (Navratri Kalash Sthapna Shubh Muhurat) क्या है.

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कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त (Kalash Sthapna Shubh Muhurat)- नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना करते समय शुभ मुहूर्त का खास ख्याल रखना चाहिए. 7 अक्टूबर को घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 17 मिनट से सुबह 7 बजकर 7 मिनट तक का है. इसी समय घटस्थापना करने से नवरात्रि फलदायी होंगे. कलश स्थापना के लिए अभिजीत मुहूर्त सबसे उत्तम माना गया है.

कलश स्थापना के लिए आवश्यक सामग्री (Kalash Sthapna Samagri)- कलश स्थापना के लिए कई सामग्री की जरूरत पड़ती है. इसले लिए आप अभी से पूरी तैयारी कर लें. कलश स्थापना के लिए आवश्यक सामग्री में 7 तरह के अनाज, चौड़े मुंह वाला मिट्टी का एक बर्तन,  पवित्र स्थान से लायी गयी मिट्टी, कलश, गंगाजल, आम या अशोक के पत्ते, सुपारी, जटा वाला नारियल, अक्षत, लाल वस्त्र और पुष्प की जरूरत पड़ती है.

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कलश स्थापना की विधि  (Kalash Sthapana Vidhi)- घटस्थापना या कलश स्थापना के दौरान कुछ विशेष नियमों का पालन जरूर करना चाहिए. उत्तर-पूर्व दिशा को साफ कर मां की चौकी लगाएं. इस पर लाल रंग का साफ कपड़ा बिछाकर देवी मां की मूर्ति की स्थापना करें. इसके बाद प्रथम पूज्य गणेश जी का ध्यान करें और कलश स्थापना करें. एक नारियल में चुनरी लपेट दें और कलश के मुख पर मौली बांधे. कलश में जल भरकर उसमें एक लौंग का जोड़ा, सुपारी हल्दी की गांठ, दूर्वा और रुपए का सिक्का डालें. अब कलश में आम के पत्ते लगाकर उस पर नारियल रखें और फिर इस कलश को दुर्गा की प्रतिमा की दायीं ओर स्थापित करें. कलश स्थापना पूर्ण होने के बाद देवी का आह्वान करें.

 

 

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