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Sheetla Saptami 2025: कब है शीतला सप्तमी? जानें शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और उपाय

Sheetla Saptami 2025: मां शीतला के स्वरूप को शीतलता प्रदान करने वाला माना गया है. ऐसी मान्यता है कि, जो भी व्यक्ति सच्चे मन से और पूरे विधि-विधान से शीतला अष्टमी के दिन मां शीतला का व्रत करता है, उसके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और उसके सभी रोगों का निवारण हो जाता है.

शीतला सप्तमी 2025 शीतला सप्तमी 2025
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 20 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 8:34 AM IST

Sheetla Saptami 2025: होली के सात दिन बाद  शीतला सप्तमी मनाई जाती है, इस दिन माता शीतला की उपासना की जाती है. शीतला सप्तमी को बसौड़ा के नाम से भी जाना जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को शीतला सप्तमी मनाई जाती है. इस बार शीतला सप्तमी 21 मार्च 2025 यानी कल मनाई जाएगी. सनातन धर्म में माता शीतला को सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाली देवी के रूप में पूजा जाता है. इस दिन माता शीतला को बासी खाने का भोग लगाया जाता है. मां शीतला ठंडक प्रदान करने वाली देवी कहा गया है. कहते हैं कि इनकी उपासना से आरोग्य का वरदान भी प्राप्त होता है.

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शीतला सप्तमी शुभ मुहूर्त (Sheetla Saptami 2025 Shubh  Muhurat)

शीतला सप्तमी की तिथि 21 मार्च यानी कल सुबह 2 बजकर 45 मिनट पर शुरू होगी और तिथि का समापन 22 मार्च को सुबह 4 बजकर 23 मिनट पर होगा. 

शीतला सप्तमी का पूजन मुहूर्त 21 मार्च को सुबह 6 बजकर 24 मिनट से लेकर शाम 6 बजकर 33 मिनट तक रहेगा. 

शीतला सप्तमी पूजा विधि (Sheetla Saptami Pujan Vidhi)

शीतला सप्तमी के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर ठंडे पानी से स्नान करें. शीतला सप्तमी के दिन माता शीतला का आशीर्वाद पाने के लिए व्रत का संकल्प लें. इसके बाद शीतला माता के मंदिर जाकर उन्हें स्वच्छ जल अर्पित करें. माता शीतला की विधिवत पूजा करें. फिर देवी को बासी खाने का भोग लगाएं. माता शीतला को गुड़ से बनी सामग्री और मीठे चावल भी अत्यंत प्रिय हैं तो आप इन चीजों का भोग भी लगा सकते हैं. इसके बाद देवी को लाल रंग के फूल अर्पित करें. धूप दीप दिखाएं. श्रीफल और चने का दाल चढ़ाएं. 

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शीतला सप्तमी के नियम (Sheetla Saptami Niyam)

शीतला माता को चढ़ाए जाने वाले चने की दाल को एक दिन पहले रात को ही पानी में भिगोकर रख दें. ध्यान रखें की शीतला माता को हमेशा ही ठंडा प्रसाद चढ़ाया जाता है, इसलिए प्रसाद एक रात पहले ही तैयार कर लें. पूजा विधि समाप्त होने के बाद शीतला माता की कथा जरूर सुननी चाहिए. घर लौटने पर अपने मुख्य द्वार पर हल्दी से पांच बार अपने हाथ का छाप लगाएं.

शीतला सप्तमी व्रत के लाभ (Sheetla Saptami Upay)

शीतला सप्तमी के दिन व्रत रखने से परिवार में सभी सदस्यों से चेचक, बुखार, फोड़े-फुंसी और आंखों से जुड़ी बीमारियों से मुक्ति मिलती है. विशेष रूप से लोग विभिन्न रोगों से मुक्ति पाने के लिए आज के दिन व्रत रखते हैं. बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए माँ आज के दिन शीतला माता व्रत जरूर रखती हैं. इसके साथ ही शादी शुदा महिलाएं भी आज के व्रत रखकर शीतला माता से अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त कर सकती हैं
 

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