
Vikata Sankashti Chaturthi 2023: आज वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की संकष्टी चतुर्थी है. इसे विकट संकष्टी चतुर्थी भी कहते हैं. इस दिन भगवान गणेश के लिए व्रत रखा जाता है और पूरे विधि विधान से उनकी पूजा की जाती है. मान्यता है कि आज के दिन पूजा-अर्चना करने से गणपति की कृपा होती है और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस दिन व्रत करने से जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं. आइए विकट संकष्टी चतुर्थी तिथि के शुभ मुहूर्त और पूजन विधि के बारे में जानते हैं.
विकट संकष्टी चतुर्थी का शुभ मुहूर्त (Vikata Sankashti Chaturthi 2023 Shubh muhurat)
विकट संकष्टी चतुर्थी की शुरुआत 09 अप्रैल यानी आज सुबह 09 बजकर 35 मिनट पर होगी और इसका समापन 10 अप्रैल को सुबह 08 बजकर 37 मिनट पर होगा. इस दिन चंद्रोदय रात 10 बजकर 02 मिनट पर होगा. भद्रा का समय सुबह 06 बजकर 03 मिनट से सुबह 09 बजकर 35 मिनट तक रहेगा.
विकट संकष्टी चतुर्थी पूजन विधि (Vikata Sankashti Chaturthi 2023 Pujan Vidhi)
इस दिन प्रातः काल सूर्योदय से पहले उठें. व्रत करने वाले लोग सबसे पहले स्नान कर साफ और धुले हुए कपड़े पहन लें. इस दिन लाल रंग का वस्त्र धारण करना बेहद शुभ माना जाता है. स्नान के बाद गणपति की पूजा की करें. गणपति की पूजा करते समय जातक को अपना मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखना चाहिए. सबसे पहले गणपति की मूर्ति को फूलों से अच्छी तरह से सजा लें. पूजा में आप तिल, गुड़, लड्डू, फूल ताम्बे के कलश में पानी , धुप, चन्दन , प्रसाद के तौर पर केला या नारियल रख लें.
ध्यान रहे कि पूजा के समय आप देवी दुर्गा की प्रतिमा या मूर्ति भी अपने पास रखें. ऐसा करना बेहद शुभ माना जाता है. गणपति को रोली लगाएं, फूल और जल अर्पित करें. संकष्टी को भगवान गणपति को तिल के लड्डू और मोदक का भोग लगाएं. गणपति के सामने धूप-दीप जला कर मंत्रों का जाप करें. पूजा के बाद आप फल, मूंगफली, खीर, दूध या साबूदाने को छोड़कर कुछ भी न खाएं. शाम के समय चांद के निकलने से पहले गणपति की पूजा करें और संकष्टी व्रत कथा का पाठ करें. पूजा समाप्त होने के बाद प्रसाद बाटें. रात को चांद देखने के बाद व्रत खोलें.
विकट संकष्टी चतुर्थी का महत्व (Vikata Sankashti Chaturthi Significance)
संकष्टी के दिन गणपति की पूजा करने से घर से नकारात्मक प्रभाव दूर होते हैं और शांति बनी रहती है. ऐसा कहा जाता है कि गणेश जी घर में आ रही सारी विपदाओं को दूर करते हैं और व्यक्ति की मनोकामनाओं को पूरा करते हैं. चन्द्र दर्शन भी चतुर्थी के दिन बहुत शुभ माना जाता है. सूर्योदय से प्रारम्भ होने वाला यह व्रत चंद्र दर्शन के बाद संपन्न होता है. पूरे साल में संकष्टी चतुर्थी के 13 व्रत रखे जाते हैं. सभी व्रत के लिए एक अलग व्रत कथा है.
विकट संकष्टी चतुर्थी के उपाय (Vikata Sankashti Chaturthi Upay)
संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश का व्रत करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है. मान्यता है कि संकष्टी चतुर्थी के दिन कथा सुनने से गणपति की कृपा प्राप्त होती है. संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश के कम से कम 12 नामों का भी स्मरण करना चाहिए ताकि भविष्य में आने वाली सभी कठिनाइयों से मुक्ति मिले और जीवन सुखमय रहे.