
Vivah Panchami 2021: मार्गशीर्ष शुक्ल पंचमी को भगवान राम ने माता सीता के साथ विवाह किया था. इसलिए इस तिथि को श्रीराम विवाहोत्सव के रूप में मनाया जाता है. इसको विवाह पंचमी भी कहते हैं. भगवान राम चेतना के प्रतीक हैं और माता सीता प्रकृति शक्ति की. इसलिए चेतना और प्रकृति का मिलन होने से यह दिन काफी महत्वपूर्ण हो जाता है. इस दिन भगवान राम और माता सीता का विवाह करवाना बहुत शुभ माना जाता है. इस बार विवाह पंचमी 8 दिसंबर को मनाई जा रही है.
विवाह पंचमी पर मिलेगा वरदान
अगर विवाह होने में बाधा आ रही हो तो वो समस्या दूर हो जाती है. मनचाहे विवाह का वरदान भी मिलता है. वैवाहिक जीवन की समस्याओं का अंत भी हो जाता है. इस दिन भगवान राम और माता सीता की संयुक्त रूप से उपासना करने से विवाह होने में आ रही बाधाओं का नाश होता है. इस दिन बालकाण्ड में भगवान राम और सीता जी के विवाह प्रसंग का पाठ करना शुभ होता है. इस दिन सम्पूर्ण रामचरित-मानस का पाठ करने से भी पारिवारिक जीवन सुखमय होता है.
कैसे कराएं भगवान राम और माता सीता का विवाह?
प्रातः काल स्नान करके श्री राम विवाह का संकल्प लें. स्नान करके विवाह के कार्यक्रम का आरम्भ करें. भगवान राम और माता सीता की प्रतिकृति की स्थापना करें. भगवान राम को पीले और माता सीता को लाल वस्त्र अर्पित करें या तो इनके समक्ष बालकाण्ड में विवाह प्रसंग का पाठ करें या "ॐ जानकीवल्लभाय नमः" का जप करें. इसके बाद माता सीता और भगवान राम का गठबंधन करें. उनकी आरती करें. इसके बाद गांठ लगे वस्त्रों को अपने पास सुरक्षित रख लें.
विवाह पंचमी का शुभ मुहूर्त
विवाह पंचमी मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष तिथि 07 दिसंबर रात 11 बजकर 40 मिनट से प्रारंभ होकर 8 दिसंबर को रात 9 बजकर 25 मिनट तक रहेगी.