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संकष्ठी चतुर्थी को करें विशेष गणेश पूजन, पूरी होंगी सभी मनोकामनाएं

माघ में संकष्ठी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की विशेष पूजा करने से तमाम बाधाएं दूर होती हैं. इस व्रत-पूजन को मनोकामनाएं पूरी करने वाला भी माना जाता है.

दीपल सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 27 जनवरी 2016,
  • अपडेटेड 7:23 PM IST

विघ्नहर्ता गणेश की उपासना से सारे संकट दूर होते हैं. ज्योतिषों की मानें तो संकष्ठी चतुर्थी के दिन गणपति की विशेष पूजा-अर्चना करके आप अपने जीवन की हर मुश्किल का हल पा सकते हैं. इस तिथि को विघ्नहर्ता स्वयं आपके हर काम की बाधा दूर करेंगे.

आइए जानते हैं कि माघ महीने की ये चतुर्थी इतनी खास क्यों है-

संकष्ठी चतुर्थी का महत्व
- माघ महीने की चतुर्थी तिथि को संकष्ठी चतुर्थी कहते हैं.
- इस तिथि को तिल चतुर्थी या माघी चतुर्थी भी कहा जाता है.
- इस दिन भगवान गणेश और चंद्रमा की पूजा की जाती है.
- मान्यता है कि इस दिन गणपति की उपासना करने से जीवन के संकट टल जाते हैं.
- संतान प्राप्ति के लिए यह दिन उत्तम माना जाता है.
- इस दिन गणपति के आशीर्वाद से संतान से जुड़ी तमाम समस्याएं भी दूर होती हैं.

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संकष्ठी चतुर्थी पर होने वाले विशेष लाभ
बुद्धि और संपन्नता के देव हैं गणपति. विघ्नहर्ता सांसारिक कष्टों से रक्षा भी करते हैं. मान्यता है कि श्री गणेश के बिना किसी भी शुभ काम की शुरुआत नहीं हो सकती. यहां जानें संकष्ठी चतुर्थी पर गणपति की उपासना से आपको क्या-क्या लाभ हो सकते हैं -
- इस दिन भगवान गणेश की उपासना से हर तरह का संकट नष्ट होता है.
- संतान प्राप्ति और संतान से जुड़ी समस्याओं का समाधान होता है.
- अपयश और बदनामी के योग कट जाते हैं.
- हर तरह के कार्यों की सभी बाधाएं दूर करते हैं गणपति.
- धन और कर्ज से जुड़ी परेशानियां भी दूर होती हैं.

संकष्ठी चतुर्थी पर कैसे करें गणेश पूजन
संकष्ठी चतुर्थी पर श्री गणेश की पूजा करने की एक विशेष विधि है. मान्यता है कि चतुर्थी के दिन विशेष तरीके से गणपति की पूजा-उपासना करने से हर मनोकामना पूरी होती है. जीवन की मुश्किल से मुश्किल बाधा भी दूर होती है. तो आइए जानते हैं संकष्ठी चतुर्थी पर कैसे करें श्री गणेश का पूजन.
- सुबह नहाकर गणेश जी की पूजा का संकल्प लें.
- दिनभर पानी और फल लेकर व्रत करें.
- शाम को भगवान गणेश की विधिवत उपासना करें.
- गणपति को तिल के लड्डू, दूर्वा और पीले फूल चढ़ाएं.
- नजर नीचे करके चन्द्रमा को अर्घ्य दें.
- भगवान गणेश के मंत्रों का जाप करें.
- फिर अपनी मनोकामना पूर्ण होने की प्रार्थना करें.

 

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चतुर्थी के दिन संतान प्राप्ति के लिए ये करें:
अब तक आपके आंगन में किसी नन्हे-मुन्ने की किलकारी नहीं गूंजी. तमाम कोशिशों के बाद भी आपकी गोद सूनी है, तो संकष्ठी चतुर्थी के दिन गणपति की कृपा से आपकी ये कामना भी पूरी हो सकती है.
संकष्ठी चतुर्थी पर संतान प्राप्ति के विशेष प्रयोग -
- रात में चन्द्रमा को अर्घ्य दें.
- गणेश जी के सामने घी का दीपक जलाएं.
- गणपति को अपनी उम्र के बराबर तिल के लड्डू चढ़ाएं.
- भगवान गणेश के सामने बैठकर 'ॐ नमो भगवते गजाननाय' का जाप करें.
- पति-पत्नी एक साथ ये प्रयोग करें तो ज्यादा लाभ होगा.

संतान की शिक्षा में उन्नति के लिए इस तरह करें गणपति अर्चना -
मां-बाप हमेशा अपनी संतान की उन्नति की कामना करते हैं. अच्छी परवरिश के साथ भगवान गणेश का विशेष आशीर्वाद भी मिल जाए, तो आपकी संतान शिक्षा के उच्च शिखर तक जा सकती है. आइए जानें कैसे -
- अपने बच्चों के हाथों से भगवान गणेश को दूब और लड्डू चढ़वाएं.
- इसके बाद अपने बच्चों से 'ॐ गं गणपतये नमः' का जाप करवाएं.
- अपनी संतान के साथ बैठकर इस मंत्र का जाप करें.
- फिर प्रसाद का लड्डू बच्चों को दें.

संतान की रक्षा और सेहत के लिए ऐसे करें पूजा:
आपके बच्चे की सेहत खराब रहती है. उसकी कुंडली में आयु का कोई दोष है. तो संकष्ठी चतुर्थी पर करें एक खास उपाय. श्री गणेश की कृपा से आपकी संतान की सेहत सुधर जाएगी और आयु दोष भी दूर होगा.
- गणेश जी के सामने घी का चौमुखी दीपक जलाएं.
- गणपति को बेलपत्र चढ़ाएं और लड्डू का भोग लगाएं.
- गणेश जी के सामने बैठकर 108 बार 'वक्रतुण्डाय हुं' का जाप करें.
- संतान के साथ ये प्रयोग करें तो ज्यादा उत्तम होगा.

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धन लाभ के लिए करें पूजा-अर्चना
संकष्ठी चतुर्थी पर आपको मालामाल कर देंगे सिद्धिविनायक गणेश. इसके लिए करने होंगे ये उपाय.
- पीले रंग के भगवान गणेश की आराधना करें.
- गणपति को दूब की माला चढ़ाएं और लड्डू का भोग लगाएं.
- 'वक्रतुण्डाय हुं' मंत्र का जाप करके, धन लाभ की प्रार्थना करें.
- दूब की माला अपने पास सम्भालकर रख लें.

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