लोग अपने जीवन में अलग-अलग तरह का व्यवसाय करते हैं और इसमें सफल होने का प्रयास भी करते हैं. लेकिन इसमें सफलता हर किसी को हासिल नहीं होती है. इस पर जानतें हैं पंडित शैलेंद्र पांडेय से कि जिस तरह का व्यापार आप कर रहे हैं उस तरह के व्यापार में सफलता पाने का तरीका क्या है.
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पंडित शैलेंद्र पांडेय कहते हैं कि व्यवसाय या कारोबार के पीछे किसी ना किसी एक ग्रह की भूमिका होती है. अगर वो ग्रह अच्छा है तो कारोबार फलता-फूलता है. अगर ग्रह कमजोर है तो कारोबार या तो बंद हो जाता है या नुकसान देता है. कभी-कभी कारोबार का ग्रह किसी और कारोबार के कारण गड़बड़ हो जाता है. ऐसे में व्यवसाय में उतार-चढ़ाव चलता रहता है. अगर कारोबार से संबंधित ग्रह को मजबूत किया जाए तो आप अपने व्यवसाय को काफी हद तक बेहतर कर सकते हैं.
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पंडित शैलेंद्र पांडेय कहते हैं कि वस्त्रों का व्यवसाय बहुत सारे ग्रहों से संबंध रखता है. लेकिन, मुख्य रूप से ये शुक्र का व्यवसाय है. इस व्यवसाय को बेहतर करने के लिए रोज सुबह-शाम शुक्र के ऊं शुं शुक्राय नम: मंत्र का जाप करें. एक सफेद स्फटिक की माला गले में धारण करें. इसके अलावा, हर शुक्रवार को मां लक्ष्मी को सफेद मिठाई का भोग लगाएं. काले रंग के प्रयोग से बचाव करें.
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खाने-पीने की चीजों का व्यवसाय यानी अनाज का व्यवसाय मुख्य रूप से बृहस्पति का व्यवसाय है. पके हुए भोजन के पीछे शुक्र की भूमिका होती है. जलीय भोजन के पीछे मुख्य रूप से चंद्रमा होता है. हर तरह के अनाज के व्यवसाय को बेहतर करने के लिए भगवान कृष्ण की उपासना करें. रोज सुबह-शाम क्लीं कृष्ण क्लीं मंत्र का 108 बार जाप करें. प्रतिदिन अपने मस्तक पर सफेद या पीले रंग का चंदन लगाएं. रोज अपने पास पीले रंग का एक रेशमी रुमाल रखें.
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अगर आप जमीन या कंस्ट्रक्शन, ठेकेदारी आदि का व्यवसाय करते हैं तो ये मुख्य रूप से मंगल ग्रह का व्यवसाय है. मंगल के कमजोर होने पर व्यवसाय डूबता तो है ही साथ ही कर्जे भी चढ़ जाते हैं. इस व्यवसाय में सफलता प्राप्त करने के लिए अपने कार्यस्थल पर लाल रंग के हनुमान जी की स्थापना करें. रोज सुबह इनके सामने चमेली के तेल का दीपक जलाएं. हनुमान चालिसा का पाठ करें. हर मंगलवार को मजदूरों को हलुआ-पूरी बांटें.
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अगर आप शिक्षा संबंधी व्यवसाय करते हैं तो ये व्यवसाय बुध, बृहस्पति और शुक्र से संबंध रखता है. लेकिन मुख्य रूप से समझाने और सलाह देने का काम बृहस्पति का होता है. इस व्यवसाय में सफलता प्राप्त करने के लिए भगवान शिव की उपासना करनी चाहिए. रोज सुबह शिव जी को सफेद या पीले फूल चढ़ाएं. इसके बाद ऊं आशुतोषाय नम: मंत्र का जाप करें. अपने कार्यस्थल का रंग हल्का पीला या सफेद रखें.
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अगर आप लोहे, पेट्रोल या कोयले आदि का व्यवसाय करते हैं तो ये मुख्य रूप से शनि का व्यवसाय है और कुछ हद तक मंगल का भी है. इस व्यवसाय में सफलता प्राप्त करने के लिए दाहिने हाथ की मध्य अंगुली में लोहे का छल्ला जरूर घारण करें. दाहिनी कलाई में काला रेशमी धागा बांधें. रोज सुबह या शाम को ऊं शं शनैश्चराय नम: मंत्र का 108 बार जाप करें. हर शनिवार को तिलयुक्त भोजन का दान करें.
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अगर आप सौंदर्य प्रसाधन से संबंधित व्यवसाय या महिलाओं से संबंधित जरूरत की चीजों का व्यवसाय करते हैं तो ये व्यवसाय मुख्य रूप से शक्र से संबंध रखता है. कहीं-कहीं पर इसमें चंद्रमा की भूमिका आ जाती है. इस व्यवसाय में सफलता के लिए अपने कार्यस्थल पर देवी लक्ष्मी की मूर्ती या तस्वीर स्थापित करें. रोज सुबह गुलाब का इत्र अर्पित करें. इसके बाद ऊं श्रीं श्रिंयै नम: मंत्र का जाप 108 बार करें. हर शुक्रवार शाम देवी को सफेद फूल अर्पित करें.
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