देश में कोरोना के साथ-साथ कई अन्य बीमारियां भी फैल रही हैं. लोगों के बीच डर की भावना पैदा हो चुकी है. ऐसे में चंद्र ग्रहण के कारण लोगों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है. ज्योतिष के अनुसार, ग्रहण का असर कुछ राशियों के लिए अच्छा है तो कई राशियों पर इसका बुरा प्रभाव भी पड़ सकता है. आइए जानते हैं हरिद्वार के ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज त्रिपाठी से चंद्र ग्रहण का सभी पर कैसा और क्या प्रभाव पड़ने वाला है.
पंडित मनोज त्रिपाठी का कहना है कि आज पड़ने वाले चंद्र ग्रहण का प्रभाव संपूर्ण भारत पर नहीं पड़ेगा. यह चंद्र ग्रहण केवल भारत के पूर्वी हिस्सों में जैसे असम, मिजोरम के कुछ स्थानों पर आंशिक रूप में दिखाई देगा. इसके अलावा, ऑस्ट्रेलिया, म्यामार आदि देशों पर इसका प्रभाव पड़ेगा. पंडित जी के अनुसार, संपूर्ण भारत में उत्तर भारत, पश्चिम और दक्षिण भारत में चंद्र ग्रहण का सूतक और पातक का कोई विचार मान्य नहीं होगा.
यह केवल बंगाल के कुछ हिस्से, असम के कुछ हिस्से, त्रिपुरा आदि में आंशिक तौर पर दिखाई देगा. वहां पर चंद्र ग्रहण लगभग दोपहर 3 बजकर 15 मिनट से आरंभ हो जाएगा और लगभग शाम को 6 बजकर 50 मिनट पर समाप्त हो जाएगा. जहां चंद्रोदय होगा, ग्रहण के काल में वहीं चंद्र ग्रहण का प्रभाव भी समाप्त होता दिखाई देगा.
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चंद्र मालिन्य ही दिखाई देगा. असम आदि क्षेत्रों में भी चंद्रोदय उस समय होगा जिस समय ग्रहण चल रहा है इसके लिए इसका विशेष प्रभाव नहीं पड़ेगा. ज्योतिषाचार्य कहते हैं कि चूंकि यह ग्रहण केवल पूर्वी राज्यों में आ रहा है तो इसका प्रभाव वहां के राजनैतिक कार्यों से जुड़े लोगों पर भी पड़ सकता है. कहा जाता है कि जब वैशाख मास में चंद्र ग्रहण पूर्णिमा के दिन पड़ता है, विशेष तौर पर जहां यह दर्शन देता है वहां के राज्यों के अधिपति अर्थात मुख्यमंत्री है और उनका जो मंत्रिमंडल है, उसके ऊपर विशेष प्रभाव डालता है.
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जैसे पश्चिम बंगाल में वहां की मुख्यमंत्री को कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है या उनके मंत्रिमंडल के ऊपर भी संकट आ सकता है. दूसरे देशों जैसे म्यांमार, ऑस्ट्रेलिया आदि पर किसी प्रकार का छत्र भंग होना या राज्य हानि होने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
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साथ ही विशेषकर जो लोग मांस, मदिरापान आदि का अधिक प्रयोग करते हैं, उनके लिए ये चंद्र ग्रहण कष्टकारी साबित हो सकता है. भगवान का भजन करने वाले सात्विक प्रवृति के लोगों में भय की स्थिति पैदा हो सकती है पर उन्हें किसी प्रकार के दुष्प्रभाव सामना नहीं करना पड़ेगा. जो लोग भगवान की पूजा पाठ अधिक करते हैं या अध्यात्म से जुड़े हुए हैं उन पर इस ग्रहण का कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ेगा.
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ज्योतिषाचार्य के अनुसार, विशेष तौर पर चंद्र आधारित राशियां है, जैसे कर्क लग्न वाले या कर्क राशि वाले व्यक्ति हो गए या शनि से संबंधित जैसे मकर और कुंभ राशि वालों के लिए चंद्रग्रहण थोड़ा कष्टकारी हो सकता है. ऐसे लोगों को रक्त संबंधी परेशानी हो सकती है. चूंकि चंद्रमा जल का कारक है, इसलिए जल संबंधी कोई परेशानी हो सकती है. बाकी राशियों के लिए इस चंद्र ग्रहण कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा और पड़ेगा तो अच्छा ही होगा.
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पश्चिम बंगाल और अन्य देशों में चंद्र ग्रहण का प्रभाव थोड़ा बढ़ता हुआ दिखाई देगा, लेकिन जैसे चंद्रमा की कलाएं समाप्त होंगी यानी जैसे-जैसे चंद्रमा अमावस्या की तरफ बढ़ेगा, लगभग 15 दिनों में इसका प्रभाव कम हो जाएगा.