साल का पहला चंद्र ग्रहण लगा है. भारतीय समय के अनुसार दोपहर करीब 3 बजकर 15 मिनट से चंद्र ग्रहण शुरू हो चुका है. ये शाम 6 बजकर 23 मिनट पर खत्म होगा. दुनिया के कई हिस्सों में यह पूर्ण चंद्र ग्रहण के तौर पर नजर आएगा. हालांकि भारत के कुछ हिस्सों में यह चंद्र ग्रहण आंशिक तौर पर ही नजर आएगा. आइए जानते हैं कि देश-दुनिया में किन जगहों पर ये ग्रहण बहुत खूबसूरत दिखाई देने वाला है.
Photo: gettyimages
आज लगने वाला चंद्र ग्रहण मुख्य रूप से ऑस्ट्रेलिया,अमेरिका और पूर्वी एशिया में दिखाई देगा. यह प्रशांत, अटलांटिक और हिंद महासागर के कुछ हिस्सों से भी दिखाई देगा. कई देशों में ये ब्लडमून की तरह दिखाई देगा. हालांकि भारत में ये कुछ मिनटों के लिए ही आंशिक रुप से दिखाई देगा.
भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों, पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों, ओडिशा के कुछ तटीय हिस्सों और अंडमान-निकोबार आइलैंड में चंद्रोदय के ठीक बाद आंशिक चंद्रग्रहण दिखाई देगा. चंद्र ग्रहण पूर्णिमा के दिन होता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है और ये तीनों पंक्तिबद्ध तरीके से दिखाई देते हैं.
इन जगहों पर पूर्ण रूप से दिखाई देगा चंद्र ग्रहण- भारत में ये चंद्र ग्रहण अगरतला, आइजोल, कोलकाता, चेरापूंजी, कूचबिहार, डायमंड हार्बर, दीघा, गुवाहाटी, इंफाल, ईटानगर, कोहिमा, लामडिंग, मालदा, उत्तरी लखीमपुर, पासीघाट, पोर्ट ब्लेयर, पुरी, शिलांग, सिबसागर और सिलचर में दिखाई देगा. राजधानी दिल्ली में भी ये चंद्र ग्रहण नजर नहीं आएगा.
वहीं दुनिया की बात करें तो नासा के अनुसार ये चंद्र ग्रहण अमेरिका और कनाडा, पूरे मेक्सिको, अधिकांश मध्य अमेरिका और इक्वाडोर, पश्चिमी पेरू, दक्षिणी चिली और अर्जेंटीना में पूर्ण रूप से दिखाई देगा.
भारत के अलावा, नेपाल, पश्चिमी चीन, मंगोलिया और पूर्वी रूस में भी आंशिक चंद्र ग्रहण दिखेगा. आपको बता दें कि अगला चंद्र ग्रहण 19 नवंबर, 2021 को पड़ेगा और इसे भारत में भी पूर्ण रूप से देखा जा सकेगा.
इस चंद्र ग्रहण की खासियत- जैसे ही चंद्रमा पृथ्वी की छाया में प्रवेश करेगा, यह बड़ा और चमकीला दिखाई देगा. ये 2021 का एक ऐसा खगोलीय आकर्षण है जो पूर्ण चंद्र ग्रहण, ब्लड मून और पूर्णिमा का संयोजन होगा. इसे ब्लड मून इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें चंद्रमा थोड़ा लाल और नारंगी रंग का दिखाई देता है.
इस साल का पहला पूर्ण चंद्र ग्रहण कई मायनों में दुर्लभ है. ये ग्रहण वाले दिन सुपरमून कहलाएगा और ब्लड रेड रंग का होगा. ये दोनों संयोग कई सालों में एक एक बार आता है. वैज्ञानिकों के अनुसार इसे सुपर लूनर इवेंट कहा जाता है. क्योंकि ये सुपरमून भी होगा, ग्रहण भी होगा और चंद्रमा खूनी लाल रंग का दिखेगा.