11 मार्च को पूरे देश में महाशिवरात्रि का पर्व मनाया गया. सद्गुरु जग्गी वासुदेव के कोयंबटूर स्थित ईशा फाउंडेशन में भी महाशिवरात्रि का पर्व बहुत धूमधाम से मनाया गया. सद्गुरू के आश्रम में पूरी रात भक्तों ने जागरण किया.
आश्रम में भक्तों ने शिव प्रतिमा आदियोगी के सामने संगीत और नृत्य करते हुए महाशिवरात्रि मनाई. शिवरात्रि पर अध्यात्म के बारे में बात करते हुए सद्गुरू ने कहा, 'ये रात केवल जागरण की नहीं बल्कि स्वयं को जागृत करने वाली भी होनी चाहिए.' महाशिवरात्रि के मौके पर ईशा फाउंडेशन हर साल इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन करता है. कोरोनावायरस की वजह से इस साल बहुत लोग कार्यक्रम का आनंद लेने के लिए ऑनलाइन भी जुड़े थे.
इस कार्यक्रम के आयोजन में सोशल डिस्टेंसिंग, हाइजीन प्रोटोकॉल और मेडिकल स्क्रीनिंग समेत सभी कोरोना गाइडलाइन का पूरा पालन किया गया था. कोरोना की वजह से इस बार की महाशिवरात्रि बाकी सभी साल के आयोजनों से अलग थी लेकिन दर्शकों, वॉलंटियर्स और कलाकारों का उत्साह हमेशा की तरह ऊर्जा से भरपूर था. सद्गुरु ने सभी लोगों का गर्मजोशी से स्वागत किया.
कार्यक्रम से पहले ईशा योग केंद्र में लिंग भैरवी यात्रा की गई. उत्साह और जोश से भरी इस यात्रा में देवी के गुणों का बखान किया जाता है. महाआरती के साथ इस यात्रा का समापन हुआ. इस यात्रा के बाद सद्गुरू ने पंचभूत क्रिया की. ये क्रिया शरीर में पांचों तत्वों को बेहतर ढंग से एकीकृत करने में मदद करती है.
इस मौके पर सद्गुरु ने एक पौधा लगाया और महायोग यज्ञ किया. यज्ञ के प्रकाश के साथ ईशा फाउंडेशन के लाखों वॉलंटियर्स ने एक साधारण योगासन सीखाने का प्रण लिया जिससे अधिक से अधिक लोग इसे आसानी से अपनी जीवनशैली में अपना सकें.
इस कार्यक्रम में साउंड्स ऑफ ईशा और ईशा संस्कृति के छात्रों द्वारा शानदार संगीत और नृत्यकला का प्रदर्शन किया गया. कालाकारों के बेहतरीन प्रदर्शन, सद्गुरू के प्रवचन, मंत्र, ध्यान सत्र और आदियोगी के दिव्य दर्शन से ईशा फाउंडेशन की इस महाशिवरात्रि पर पिछले कई सालों की तुलना में ज्यादा लोगों ने ऑनलाइन जागरण किया.
इस दौरान सद्गुरू के साथ लाइव मिडनाइट मेडिटेशन का भी आयोजन किया गया था. पूरी रात कलाकारों की अलौकिक ऊर्जा से दर्शक भी काफी उत्साहित महसूस कर रहे थे. इन सभी लोगों ने अपने सहयोग से इस बार की महाशिवरात्रि को यादगार बना दिया. पार्थिव गोहिल और उनका ग्रुप ईशा फाउंडेशन की महाशिवरात्रि उत्सव समारोह में हर साल भाग लेने आता है.
संदीप नारायण, कुटल खान, कबीर कैफे, मंगली और एंथोनी दास ने भी प्रस्तुति दी. शानदार साउंड एंड लाइट शो में आदियोगी के दिव्य दर्शन ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. परंपरा को ध्यान में रखते हुए, सद्गुरु ने इस कार्यक्रम में किसानों का भी सम्मान किया.
यह आयोजन 100 चैनलों में लाइव स्ट्रीम और टेलीकास्ट किया गया था. दुनिया भर में लाखों दर्शकों कार्यक्रम से ऑनलाइन जुड़ने का मौका मिला.
इस कार्यक्रम समारोह में सरकार के नियमों का सख्ती से पालन किया गया था. सभी प्रतिभागियों को अपने साथ COVID निगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य था. मेडिकल स्क्रीनिंग, बॉडी टेंपरेचर चेक करना, मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों का कड़ाई से पालन किया गया था.