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Raksha Bandhan 2021: रक्षा बंधन पर इस गांव में रहता है सन्नाटा, 65 साल से सूनी भाइयों की कलाई

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 21 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 4:34 PM IST
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रक्षा बंधन के दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और भाई उनकी रक्षा का वचन देते हैं. कहते हैं कि राजसूय यज्ञ के समय द्रौपदी ने भगवान कृष्ण को रक्षा सूत्र बांधा था और तभी से ये परंपरा चली आ रही है. क्या आप जानते हैं उत्तर प्रदेश का एक गांव ऐसा भी है जहां बरसों से राखी का त्योहार नहीं मनाया जा रहा है.

Photo Credit: Getty Images (प्रतीकात्मक तस्वीर)

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उत्तर प्रदेश के गोंडा जिला स्थित भीकमपुर जगत पुरवा गांव में रक्षा बंधन के त्योहार को लेकर कोई उत्सुकता नहीं रहती है. गांव के लोगों का कहना है कि अगर उन्होंने रक्षा बंधन का त्योहार मनाया तो उनके साथ कोई बड़ी अनहोनी हो सकती है. गांव के लोग कई अजीबोगरीब घटनाओं को देखते हुए इस त्योहार को मनाने से बचते हैं.

Photo Credit: Getty Images (प्रतीकात्मक तस्वीर)

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गांव का हर एक शख्स अब रक्षा बंधन पर किसी बच्चे के पैदा होने का इंतजार कर रहा है. उनका कहना है कि ऐसा होने के बाद ही गांव में रक्षा बंधन मनाया जा सकेगा.

Photo Credit: Getty Images (प्रतीकात्मक तस्वीर)

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जगत पुरवा गांव की छोटी सी आबादी के बीच करीब 200 बच्चे रहते हैं जिन्हें राखी पर अशुभ घटनाओं का डर रहता है. गांव के बुजुर्गों से भी अक्सर इसके बारे में किस्से सुनने को मिलते हैं.

Photo Credit: Getty Images (प्रतीकात्मक तस्वीर)

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लोग कहते हैं कि वजीरगंज पंचायत के इस गांव में पांच दशक से ज्यादा समय बीत चुका है जब बहनों ने अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधी थी. इतना ही नहीं, इसके आस-पास के गांव में भी लोग रक्षा बंधन का नाम सुनकर घबरा जाते हैं.

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रक्षा बंधन पर गांव में कोई बहन अपने भाई की कलाई पर राखी नहीं बांधती है. गांव के लोग नहीं चाहते कि उनके पूर्वजों द्वारा बनाई गई इस परंपरा को तोड़ा जाए. लोग कहते हैं कि यहां के किसी भी घर में जब कोई बहन अपने भाई को राखी बांधती हैं तो अजीब सी घटनाएं देखने को मिलती हैं.

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लोग कहते हैं कि देश की आजादी के आठ साल बाद 1955 में रक्षा बंधन के दिन यहां के एक परिवार में शख्स की हत्या कर दी गई थी. तभी से इस गांव में बहनें रक्षा बंधन पर अपने भाइयों की कलाई पर राखी नहीं बांध रही हैं.

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करीब एक दशक पहले भी बहनों के अनुरोध पर रक्षा बंधन का त्योहार शुरू करने का फैसला किया गया था, लेकिन यहां फिर एक अजीबोगरीब घटना हो गई. तबसे दोबारा किसी ने राखी मनाने की हिम्मत नहीं दिखाई. यह डर आज भी बहनों को भाई की कलाई पर राखी बांधने से उन्हें रोकता है.

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गांव के निवासियों का कहना है कि अगर रक्षा बंधन के त्योहार पर उसी परिवार में किसी बच्चे का जन्म होता है तो इस त्योहार की परंपरा को फिर से शुरू किया जा सकता है. इस लम्हे का इंतजार देखते-देखते करीब तीन पीढ़ियां गुजर गई हैं. सालों से यहां हर भाई की कलाई सूनी ही नजर आती है.

Photo Credit: Getty Images (प्रतीकात्मक तस्वीर)

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गांव के लोग कहते हैं कि उन्होंने सिर्फ रक्षा बंधन के त्योहार के बारे में सुना है, लेकिन इसे सेलिब्रेट करने का सौभाग्य उन्हें कभी नहीं मिला. रक्षा बंधन तो दूर गांव के लोग इस दिन घर से बाहर भी नहीं निकलते हैं. त्योहार पर पूरे गांव में सन्नाटा पसरा रहता है.

Photo Credit: Getty Images (प्रतीकात्मक तस्वीर)

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